नागपुर हिंसा में हामिद इंजीनियर का रोल क्या? माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष को पुलिस ने पकड़ा, एक यूट्यूबर भी गिरफ्त

नागपुर हिंसा मामले में पुलिस का एक्शन तेज हो गया है। माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष हामिद इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया है।

दरअसल, 17 मार्च को नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें पुलिस पर पत्थर फेंके गए। इस दौरान अफवाह फैली कि एक समुदाय की पवित्र पुस्तक को आंदोलन के दौरान जला दिया गया। हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू में लगाया गया था जिसे बाद में स्थिति सामान्य होने के बाद हटा दिया गया।

हामिद इंजीनियर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

नागपुर हिंसा मामले में माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हामिद इंजीनियर को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। नागपुर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) लोहित मतानी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। हामिद इंजीनियर पर आरोप है कि उसने हिंसा वाले दिन सोशल मीडिया के जरिए लोगों में डर और अशांति का माहौल पैदा करने की कोशिश की थी। इसके अलावा यूट्यूबर मोहम्मद शहजाद खान को भी अरेस्ट किया गया है।

मामले में 99 गिरफ्तार- पुलिस

नागपुर के पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंघल ने बीते दिन बताया कि हिंसा के सिलसिले में 99 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उन्होंने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। सिंघल ने संवाददाताओं से कहा, ‘अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हम निष्पक्ष जांच कर रहे हैं।’

इस बीच, कांग्रेस ने अपने पार्टी नेताओं की एक समिति बनाई है जो नागपुर का दौरा करेगी और उन इलाकों में रहने वाले निवासियों से मुलाकात करेगी जो औरंगजेब की कब्र के मुद्दे पर हाल ही में भड़की हिंसा से प्रभावित हुए।

क्यों शुरू हुआ विवाद?

17 मार्च को नागपुर में औरंगजेब की कब्र के विरोध हिंदू संगठन निकले थे। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का प्रोटेस्ट था, जिस बीच विशेष समुदाय के बीच एक अफवाह फैली और उसने विवाद को हिंसक रूप से दिया। एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने जान से मारने की नियत से भालदारपुरा चौक इलाके में पुलिस पर घातक हथियार और पत्थर से हमला किया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को रोकने के लिए पेट्रोल बम तैयार किए और उन पर फेंके। उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को ये कहते हुए रोक दिया, ‘तुम हिंदू समाज के पुलिस हो और तुमने जानबूझकर हमारे धर्म की चादर जलाने में मदद की।’

ऐसी झूठी अफवाहें फैलाकर और भद्दी-भद्दी गालियां देकर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया। पूरे घटनाक्रम में 3 डीसीपी स्तर के अधिकारियों समेत हिंसा में 33 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। हैरान करने वाली बात ये है कि भीड़ ने अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मी के साथ छेड़खानी करने की कोशिश की थी, जिसका जिक्र FIR में है।

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