लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। असम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा खत्म होते ही पार्टी के कई नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं।
29 जनवरी को, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अंजन दत्ता की बेटी अंगकिता दत्ता, पूर्व मंत्री बिस्मिता गोगोई और असम छात्र संघ (AASU) के पूर्व अध्यक्ष दीपांका कुमार नाथ सहित 150 से अधिक नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
यह घटनाक्रम तब हुआ है जब कांग्रेस पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार करने में लगी हुई है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना और भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाना था।
हालांकि, असम में कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि असम में पार्टी का एक मजबूत आधार रहा है।
भाजपा ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है और इसे कांग्रेस की कमजोरी का संकेत बताया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि कांग्रेस के नेता पार्टी के नेतृत्व और नीतियों से नाखुश थे, इसलिए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को हल्के में लिया है और कहा है कि कुछ नेताओं के जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोलाप बोरbora ने कहा कि भाजपा डर के मारे कांग्रेस के नेताओं को खरीद रही है।
यह घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं पर सवाल उठाता है। यह देखना होगा कि क्या कांग्रेस इस झटके से उबर पाती है और चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करती है।
यहां कुछ प्रमुख बातें हैं जो इस घटनाक्रम को महत्वपूर्ण बनाती हैं:
- यह घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले हुआ है।
- यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि असम में पार्टी का एक मजबूत आधार रहा है।
- भाजपा ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है और इसे कांग्रेस की कमजोरी का संकेत बताया है।
- कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को हल्के में लिया है और कहा है कि कुछ नेताओं के जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा।