वक्फ बिल को लेकर मचे सियासी हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड ने वाराणसी के 115 साल पुराने उदय प्रताप कॉलेज पर अपना दावा ठोक दिया. बोर्ड ने कॉलेज की जमीन पर अपना हक जताते हुए नोटिस जारी किया है.
नोटिस में कॉलेज की संपत्ति को सुन्नी वक्फ बोर्ड से अटैच होने की बात कही गई है. बीते कुछ दिन पहले ही कॉलेज के स्थापना दिवस पर सीएम योगी आदित्यनाथ यहां पहुंचे थे. उन्होंने आने वाले समय में इसको यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही थी.
1909 में हुई कॉलेज की स्थापना
वाराणसी के भोजूपुर इलाके में महाराजा राजर्षि सिंह जू ने 1909 में उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना की थी. 100 एकड़ में यह परिसर फैला हुआ है. परिसर में इंटर कॉलेज से लेकर स्वायत्त उदय प्रताप महाविद्यालय संचालित हो रहा है. यहां करीब 15 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. परिसर के नजदीक ही एक मस्जिद भी है, जहां मुस्लिम समुदाय नमाज अदा करता है.
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा
यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने छह साल पहले इस पर वक़्फ़ प्रॉपर्टी होने का दावा किया था. 6 दिसंबर 2018 को लखनऊ के सहायक सचिव आले अतीक ने वक़्फ़ एक्ट 1995 के तहत नोटिस भेजा.
भोजूबीर तहसील सदर के रहने वाले वसीम अहमद खान ने रजिस्ट्री पत्र भेजकर ये बताया है कि कॉलेज छोटी मस्जिद नवाब टोंक की सम्पत्ति है. जिसे नवाब साहब ने छोटी मस्जिद को वक़्फ़ कर दिया था. लिहाजा ये वक़्फ़ की सम्पत्ति है और इसे नियंत्रण में लिया जाना चाहिए. अगर 15 दिन के अंदर कॉलेज प्रबंधन की तरफ से अगर कोई जवाब नहीं दिया गया तो आपकी आपत्ति फिर नहीं सुनी जाएगी.
कमेटी के सचिव ने दिया जवाब
इस पर जवाब देते हुए कॉलेज शिक्षा समिति के तत्कालीन सचिव यूएन सिन्हा ने 21 दिसंबर को नोटिस पर जवाब देते हुए कहा था कि उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना 1909 में चैरीटेबल इंडाउमेन्ट एक्ट के तहत हुआ था.
चैरीटेबल इंडाउमेन्ट एक्ट के अंतर्गत आधार वर्ष के उपरांत ट्रस्ट की जमीन पर अन्य किसी का मालिकाना हक़ स्वयं समाप्त हो जाता है. इसके बाद से यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से कोई नोटिस नही आई.
क्या बोले कॉलेज के प्रिंसिपल
यूपी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले कॉलेज कैंपस की मस्जिद में कुछ निर्माण कार्य कराया जा रहा था. जिसे प्रशासन से कहकर रुकवा दिया गया था. मस्जिद के बिजली का कनेक्शन भी कॉलेज से ही था, जिसे हटवा दिया गया है और उनको अपना कनेक्शन लेने के लिए कह दिया गया है.