पिछले कुछ महीनों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी राजनीतिक रणनीति में बदलाव करते हुए नए गठबंधन किए हैं और अपने “एनडीए” (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) परिवार का विस्तार किया है। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) और पंजाब के अकाली दल (अमृतसर) के साथ बातचीत, और तमिलनाडु में पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) के साथ गठबंधन, भाजपा के बढ़ते प्रभाव का प्रमाण हैं।
राज ठाकरे और एमएनएस:
- एमएनएस, जो महाराष्ट्र में एक क्षेत्रीय दल है, ने 2024 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करने की संभावना पर चर्चा शुरू की है। राज ठाकरे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच हुई हालिया मुलाकात ने इस संभावना को बल दिया है।
- यह गठबंधन दोनों दलों के लिए फायदेमंद हो सकता है। भाजपा को इससे मुंबई जैसे महत्वपूर्ण शहरों में अपना जनाधार मजबूत करने में मदद मिलेगी, जबकि एमएनएस को राज्य में सत्ता हासिल करने का मौका मिलेगा।
अकाली दल (अमृतसर):
- पंजाब में किसान आंदोलन के बाद, भाजपा ने अकाली दल (बादल) से अपना नाता तोड़ दिया था। अब, भाजपा अकाली दल (अमृतसर) के साथ गठबंधन की संभावना तलाश रही है।
- यह गठबंधन भाजपा को पंजाब में सिख समुदाय का समर्थन हासिल करने में मदद कर सकता है, जो राज्य के मतदाताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके):
तमिलनाडु में, भाजपा ने पीएमके के साथ गठबंधन किया है, जो राज्य का एक प्रमुख क्षेत्रीय दल है। इस गठबंधन के तहत, पीएमके 2024 के लोकसभा चुनावों में 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
यह गठबंधन भाजपा को तमिलनाडु में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा, जहां उसका जनाधार कमजोर रहा है।
भाजपा की रणनीति:
- भाजपा इन नए गठबंधनों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने और विपक्ष को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
- यह रणनीति 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, जहाँ उसे एक मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है।
- भाजपा द्वारा किए गए नए गठबंधन उसकी बढ़ती महत्वाकांक्षा और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने की इच्छा को दर्शाते हैं।
- यह रणनीति 2024 के चुनावों में उसके लिए फायदेमंद साबित होगी या नहीं, यह तो समय ही बताएगा।