हिन्दू हृदय सम्राट बाला साहेब के बेटे उद्धव ठाकरे का बेतुका बयान, कहा- 1992 दंगों में शामिल होना गलती थी… माफ करो

महाराष्ट्र चुनाव के बीच सोशल मीडिया पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता व बालासाहेब ठाकरे के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर हिंदी व मराठी भाषा के अख़बार की एक फ़ोटो वायरल है। अखबार की इस कथित कटिंग का हेडलाइन है, “1992 के दंगों में शामिल होना गलती थी, माफ़ करो”- उद्धव ठाकरे. जिसमें आगे लिखा है कि मुस्लिम नेताओं के साथ हुई बैठक में उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए माफी मांगी है।

वायरल अख़बार की कटिंग के साथ यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि उद्धव ठाकरे वोट पाने के लिए कितना नीचे गिर सकता है, यह महाराष्ट्र के हिंदुओं के जीवन का सबसे बड़ा काला दिन है।

महासचिव-महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कार्यकारी शालिनी ठाकरे ने मराठी में लिखी गई अख़बार की कटिंग को शेयर करते हुए लिखा, “जिस बात पर बाला साहेब को गर्व था आज उसी बात के लिए उद्धव बालासाहेब ठाकरे माफी मांग रहे हैं. वोट पाने के लिए यह कितना नीचे गिरेगा? ”

कंकावली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार व विधायक नितेश राणे ने अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफोर्मो X- हैंडल,इंस्टाग्राम व फेसबुक पर वायरल हिन्दी,मराठी भाषा के अख़बार का फ़ोटो शेयर किया।

मराठी में लिखी गई अख़बार की कटिंग को कई और राइट विंग X- यूज़र्स @theWolvosaga,@Sonalimumbai1 ने भी शेयर किया.

अख़बार की ये कथित कटिंग हिन्दी में भी वायरल है जिसे राइटविंग इन्फ्लुएंसर ऋषि बागरी ने अपने X- हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, “कल तक जो शेखी बघार रहे थे कि 1992 के दंगों से मुंबई को शिवसेना ने बचाया, उसी दंगो के लिए आज उद्धव ठाकरे मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगते हुए दिख रहे है।”

जानिए पूरा मामला

सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि कल तक जो शेखी बघार रहे थे कि 1992 के दंगों से मुंबई को शिवसेना ने बचाया, उसी दंगो के लिए आज उद्धव ठाकरे मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगते हुए दिख रहे है।

वायरल अख़बार की क्लिप में प्रणव डोगरा नाम के व्यक्ति को बाइलाइन दी गई है। खबर में लिखा है “उद्धव ठाकरे को लेके एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। मुस्लिम नेताओं के साथ हुई बैठक में उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए माफी मांगी है।

इस बैठक में मुस्लिम बोर्ड के सज्जाद नोमानी के साथ मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, आसिफ शेख, फारूक शाह और अन्य मुस्लिम नेता मौजूद थे। बैठक में मौजूद नेताओं ने उद्धव ठाकरे के माफी मांगने की खबर की पुष्टि की है। मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

इस चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मौके पर मुंबई संसदीय क्षेत्र की समीक्षा की गई। यह बैठक को आदित्य ठाकरे के साथ साथ संजय राऊत और अनिल परब भी उपस्थित थे। उद्धव ठाकरे के हाथ से हिंदू वोट फिसल रहे हैं। लोकसभा के परिणाम इसका प्रमाण है।

लोकसभा में उद्धव का गुट हिंदू आबादी वाले इलाकों से पिछड़ रहा था। लेकिन कई उम्मीदवार इसलिए चुने गए क्योंकि उन्होंने मुस्लिम बहुल इलाकों से अच्छी बढ़त ले ली थी। विधानसभा में भी उद्धव ठाकरे का मुस्लिम वोटों पर भरोसा रहने वाला है। इस बात का पूरा एहसास उद्धव ठाकरे को है।

संभव है कि उपरोक्त चौंकाने वाला बयान इसी वजह से आया हो। मुस्लिम नेताओं के सामने उद्धव ठाकरे के सजदा करने से शिवसैनिक नाराज हैं। उद्धव ठाकरे का हिंदुत्व का मुद्दा पीछे छूट गया है और मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हो गई है।

2019 के बाद से वोट की राजनीति के लिए उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व का मुद्दा छोड़ दिया। लेकिन अब ऐसा लगता है कि वे बालासाहेब ठाकरे को गलत साबित करने की हद तक चले गए हैं। आम शिवसैनिकों को आश्चर्य है कि वोट के लिए जन्मदाता पिता को झूठ साबित किया जा रहा है। इस चीज को लेके शिवसैनिक बेहद नाराज है। कार्यकर्ता पार्टी से अलग होते जा रहे है। उद्धव ठाकरे इस बात को जितना जल्दी समझे उतना अच्छा है।

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