'बंटेंगे तो कटेंगे' ध्रुवीकरण का नारा नहीं बल्कि इतिहास से सबक लेने का प्रयास: CM योगी

‘बंटेंगे तो कटेंगे’ ध्रुवीकरण का नारा नहीं बल्कि इतिहास से सबक लेने का प्रयास: CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र और झारखंड के हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान एक नारा दिया था- एक हैं तो नेक हैं, बंटेंगे तो कटेंगे। क्या ये हिंदू ध्रुवीकरण की सबसे बड़ी कोशिश है? संगमनगरी प्रयागराज में सीएम योगी ने इस सवाल का जवाब दिया। सीएम योगी ने कहा कि ये हिंदू ध्रुवीकरण नहीं, हिंदू ध्रुवीकरण कोई बात ही नहीं है। ये तो भारत के इतिहास के बारे में है. उन्होंने कहा कि लोगों को स्मरण कराने का एक अवसर था कि इतिहास उठाकर देखो।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सर्किट हाउस में महाकुंभ के अवसर पर प्रसार भारती के एफएम चैनल कुंभवाणी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने एफएम चैनल के सफल होने की आकांक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा विश्वास है कि यह एफएम चैनल न सिर्फ लोकप्रियता की नई ऊंचाई हासिल करेगा, बल्कि महाकुंभ को दूरदराज के उन गांवों तक भी ले जाएगा जहां लोग चाहकर भी यहां नहीं पहुंच पाते हैं।
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उन लोगों तक इन सुविधाओं के माध्यम से हम महाकुंभ की हर जानकारी पहुंचाएंगे। सीएम योगी ने कहा कि दूर दराज में रहने वालों के लिए इस तरह का सजीव प्रसारण कर पाएंगे तो उनको भी सनातन गौरव के इस महासमागम को जानने, सुनने और आने वाली पीढ़ी को बताने का अवसर प्राप्त होगा। सीएम ने कुंभवाणी चैनल शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूचना प्रसारण मंत्रालय व प्रसार भारती को भी धन्यवाद दिया।

जहां कनेक्टिविटी के इश्यू वहां भी पहुंचेगा चैनल

सीएम योगी ने कहा कि वास्तव में लोक परंपरा और लोक संस्कृति को आम जन तक पहुंचाने के लिए हमारे पास जो सबसे पहले माध्यम था वो आकाशवाणी ही था। मुझे याद है कि बचपन में हम आकाशवाणी के माध्यम से उस समय प्रसारित होने वाले रामचरित मानस की पंक्तियों को बड़े ध्यान से सुना करते थे।

समय के अनुरूप तकनीक ब़ढ़ी और लोगों ने विजुअल माध्यम से भी दूरदर्शन के माध्यम से सचित्र उन दृश्यों को देखना प्रारंभ किया। बाद में निजी क्षेत्र के भी कई चैनल आए, लेकिन समय की इस प्रतिस्पर्द्धा के अनुरूप खुद को तैयार करना और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां पर कनेक्टिविटी के इश्यू होते हैं वहां पर बहुत सारी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रसार भारती के एफएम चैनल ने 2013, 2019 और अब 2025 में भी कुम्भवाणी के नाम पर इस विशेष एफएम चैनल को शुरू करने की कार्यवाही प्रारंभ की है।

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