‘बुलडोजर एक्शन’ पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर यूपी सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई है. इसमें कहा गया है कि सुशासन की पहली शर्त होती है कानून का राज. इस दृष्टि से माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आज दिया गया फैसला स्वागत योग्य है. इस फैसले से अपराधियों के मन में कानून का भय होगा.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि इससे माफिया प्रवृत्ति के तत्व, संगठित पेशेवर अपराधियों पर लगाम कसने में आसानी होगी. कानून का राज सब पर लागू होता है. यद्यपि यह आदेश दिल्ली के संदर्भ में था, उत्तर प्रदेश सरकार इसमें पार्टी नहीं थी. केस जमीयत उलेमा-ए-हिंद बनाम उत्तरी दिल्ली नगर निगम व अन्य से संबंधित था.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए तीखी टिप्पणी की. साथ ही बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर गाइडलाइन तय कर दी. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दो टूक कहा कि किसी भी मामले में आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है. बुलडोजर एक्शन का मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं: सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर हमने विशेषज्ञों के सुझावों पर विचार किया है और सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया है. क्योंकि, ये जरूरी है कि हर हाल में कानून का राज हो. बुलडोजर एक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता.
अगर गलत तरीके से घर तोड़ा गया है तो पीड़ित को मुआवजा मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि बुलडोजर एक्शन का मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं होगा. अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते. अगर किसी मामले में आरोपी एक है तो घर तोड़कर पूरे परिवार को सजा क्यों दी जाए? पूरे परिवार से उनका घर नहीं छीना जा सकता.