देवभूमि उत्तराखंड हुई जेहादी आतंक से आतंकित, अब कई गांवों में मुस्लिमों की एंट्री बैन के लगाए गए बोर्ड

देवभूमि उत्तराखंड हुई जेहादी आतंक से आतंकित, अब कई गांवों में मुस्लिमों की एंट्री बैन के लगाए गए बोर्ड

देवभूमि उत्तराखंड जो अत्यंत ही शांत बताता जाता रहा है, वहां जेहादियों ने ऐसा आतंक मचाया की लोगों को कई बार सड़कों पर उतरना पड़ा और अब देवभूमि के कई गांवों में चेतावनी के साथ बोर्ड लगा दिए गए और उनपर मुसलमानों की एंट्री बैन का आदेश लिख दिया गया और ये सब पूरे गांव वालों की सहमति से निर्णय लेकर किया गया।

ये निर्णय ना ही कोई राजनीतिक निर्णय है और ना ही कोई संगठनों का या कुछ लोगों का अपितु ये पूरे के पूरे गांव का निर्णय है और ये निर्णय इसलिए लिया गया ताकि उनका गांव सुरक्षित रहे, ताकि उनकी बहन बेटियां सुरक्षित रहे। अब उत्तराखंड के लोगों ने तो एक्शन ले लिया बाकी देशभर में जो जेहादियों का आतंक फैला हुवा है उसके लिए देश के लोग क्या करेंगे वो समय ही बताएगा। सरकार और कानून कितना इन जेहादियों को रोक पा रहा है वो तो सब देख ही रहे हैं।

बताया जा रहा है कि बोर्ड पर दी गई हिदायत का उल्लंघन करने वालों पर ग्रामीणों की तरफ से 5000 रुपए के जुर्माने का भी एलान किया गया है। ग्रामीणों की इस पहल का कई इस्लामी और वामपंथी हैंडलों द्वारा विरोध किया जा रहा है। आए दिन हिन्दू विरोधी पोस्ट करने वाले अली त्यागी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माँग की है कि वो बोर्ड लगाने वालों पर कार्रवाई करें। हालाँकि, ग्रामीणों ने मीडिया से बात करते हुए यह बोर्ड लगाने के पीछे की वजह स्पष्ट कर दी है।

गाँव शेरसी के एक स्थानीय निवासी ने राजसत्ता पोस्ट से बताया कि अधिकतर समय गाँव के पुरुष घरों के बाहर रह कर विभिन्न शहरों में कमाई करने चले जाते हैं जिसके बाद घरों में सिर्फ महिलाएँ रह जाती है। स्थानीय निवासी ने आगे कहा, “जिनका सत्यापन नहीं है वो गाँव में जाते हैं। उनके पास कोई परिचय पत्र नहीं है। घरों में महिलाएँ हैं। गाँव में हमारे मंदिर है जिसमें कभी ताले नहीं लगते। पूर्व में भी हमारे मंदिर में चोरी हुई है।”

वहीं, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी है कि स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों को उन्होंने कई गांवों में ऐसे बोर्ड लगाए जाने को लेकर रिपोर्ट का पता लगाने के आदेश दिए हैं. रुद्रप्रयाग के सर्कल अधिकारी है प्रबोध कुमार घिल्डियाल जिन्होंने पुष्टि की कि कई साइनबोर्ड उन्होंने हटाएं हैं और ऐसे बोर्ड लगाने वालों की वो पहचान करने के प्रयास में हैं।

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