पटना. वक्फ बोर्ड के नाम पर जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायतों के बीच गुरुवार को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सदस्य और बेतिया सांसद संजय जायसवाल पटना के फतुहा में गोविंदपुर पहुंचे. उन्होंने यहां वक्फ बोर्ड द्वारा जिस जमीन पर दावा ठोका गया है उसका निरीक्षण किया और हैरानी जताई.
उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर 4 जुलाई 2024 को वक्फ बोर्ड ने कब्जा घोषित कर नोटिस जारी किया है उसके बारे में स्थानीय मुसलमानों को भी नहीं पता है. वहां के हिंदू पक्ष के पास जमीन का वर्ष 1910 का खतियान है लेकिन फर्जी तरीके से एक व्यक्ति ने उसे वक्फ बोर्ड के नाम करा दिया.
उन्होंने कहा कि वक्फ कानून का दुरुपयोग कैसे होता है, इसका सबसे बड़ा नमूना फतुहा का गोविंदपुर है. उन्होंने कहा कि वहां 10% करीब मुस्लिम समाज के लोग हैं जबकि 90% हिंदू हैं. मुस्लिम समाज के लोगों ने भी नहीं पता कि उनके दादा-परदादा ने कब वफ्फ बोर्ड को जमीन दे दी. लेकिन अब वक्फ उस जमीन पर दावा कर रहा है.
जायसवाल ने कहा कि दोनों के कागजात देखने से साफ लग रहा है कि साजिश के तहत इन लोगों ने सारी जमीन वफ्फ बोर्ड के नाम कर दी है. हम तक सुनते आए हैं कि माफिया और रंगदार जमीन को हड़पते हैं, यह पहला नमूना देखने को मिल रहा है कि वफ्फ बोर्ड के नाम पर आम लोगों की जमीन हड़पी गई है.
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पूरे मामले में साजिश की गई. सरकारी जमीन अपने नाम करवाने में असमर्थ होने पर वक्फ की संपत्ति घोषित कर दी गई. 1910 में हिंदुओं के नाम खतियान है. उसे वक्फ करा लिया गया है. इसमें बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की गलती प्रतीत होती है. उउन्होंने कहा कि प्रशासन को इस प्रकार के अवैध कब्जे से वक्फ को रोकने के लिए पूरे कागजात लेने चाहिए.
उन्होंने कहा कि वहां जाने से साफ पता चला कि गोविंदपुर के मुतलबी बबलू खान की यह साजिश थी. उसने जमीन अपने की और उसे वक्फ को देने की साजिश रची. जायसवाल ने बिहार सहित देश के कई अन्य राज्यों में इसी तरह वक्फ के नाम पर जमीनों के अवैध कब्जे के खेल के तेजी से बढने पर चिंता जताई. साथ वक्फ बोर्ड को भी सुझाव दिया कि वे जमीन को फर्जी तरीके से हड़पने के खेल में खुद को शामिल न करें.