भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 14 फरवरी 2024 को मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए चार उम्मीदवारों की घोषणा की। इनमें उज्जैन के वाल्मीकि समाज से आने वाले संत उमेश नाथ महाराज का नाम भी शामिल है।
उमेश नाथ महाराज:
- उमेश नाथ महाराज उज्जैन के रामघाट पर स्थित संत रामदास आश्रम के प्रमुख हैं।
- वे वाल्मीकि समाज के एक प्रभावशाली नेता हैं और मध्य प्रदेश में समाज के हितों के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं।
- उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक का समर्थन प्राप्त है।
- 2016 के सिंहस्थ कुंभ में, अमित शाह ने उमेश नाथ महाराज के साथ समरसता नहान किया था।
उम्मीदवारी पर प्रतिक्रिया:
उमेश नाथ महाराज ने अपनी उम्मीदवारी पर कहा, “मीडिया के माध्यम से मुझे ज्ञात हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी ने मुझे राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। मैं संपूर्ण देशवासियों की ओर से उनको धन्यवाद देता हूं और संत होने के नाते आशीर्वाद देता हूं। आगे की चर्चा विस्तार पूर्वक मैं बाद में करूंगा। समस्त अवंतिका वासियों को खूब सारा आशीर्वाद है। इस दायित्व का बहुत अच्छे से निर्वहन करेंगे। किसी भी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरतेंगे।”
राजनीतिक महत्व:
उमेश नाथ महाराज की उम्मीदवारी को भाजपा द्वारा वाल्मीकि समाज को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। वाल्मीकि समाज मध्य प्रदेश में एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है और 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को इस समाज का समर्थन हासिल करने में सफलता मिली थी।
अन्य उम्मीदवार:
भाजपा ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए उमेश नाथ महाराज के अलावा सूचना एवं प्रसारण मंत्री एल. मुरुगन, उमेश नाथ महाराज, माया नारोलिया और बंसीलाल गुर्जर को भी उम्मीदवार बनाया है।
निष्कर्ष:
उमेश नाथ महाराज की उम्मीदवारी भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम पार्टी द्वारा वाल्मीकि समाज को साधने की कोशिश का संकेत देता है।
अतिरिक्त जानकारी:
- उमेश नाथ महाराज का जन्म 1967 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ था।
- उन्होंने 1990 में रामघाट पर स्थित संत रामदास आश्रम में प्रवेश लिया।
- 2002 में वे आश्रम के प्रमुख बने।
- वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में काम करते हैं।