क्यों मनाएं आजादी का जश्न! जब बंगाल में हो रहा निभर्या-2 और सीमा पर शहीद हो रहे जवान

क्यों मनाएं आजादी का जश्न! जब बंगाल में हो रहा निर्भया-2 और सीमा पर शहीद हो रहे जवान

भारत आज अपनी आजादी की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है. पूरे देश में जगह-जगह झंडारोहण के साथ जश्न मनाया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या सही मायने में हम आजाद हैं?

जहां एक ओर हमारे बहादुर जवान सीमा पर अपनी शहादत दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गई. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या ऐसे में आजादी का जश्न मनाया जाना चाहिए?

कोलकाता लेडी डॉक्टर से हुआ था गैंगरेप

गौरतलब है कि कोलकाता, पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता से पूरे देश में आक्रोश है. आरोपी को सीबीआई ने अपनी हिरासत में ले लिया है. मामले की जांच में शामिल एक डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर खुलासा किया है कि यह एक रेप नहीं बल्कि गैंगरेप हो सकता है. यानी इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के अलावा भी कई लोग शामिल हो सकते हैं.

बताते चलें कि, 8 अगस्त की रात करीब 11 बजे कोलकाता की निर्भया का गुनहगार संजय रॉय पहली बार अस्पताल पहुंचा था. वो वहां करीब आधे घंटे तक रुका था. फिर अस्पताल से निकल गया था. इसके बाद दोबारा रात के 1 बजे वो अस्पताल पहुंचा. लेकिन इस बार वो सुबह 4 बजकर 35 मिनट पर अस्पताल से बाहर निकला और सीधे कोलकाता पुलिस के बैरक में जाकर सो गया. वो अस्पताल के उस सेमीनार हॉल में करीब 40 मिनट तक रुका था, जिस हॉल में ट्रेनी डॉक्टर की खून से सनी लाश मिली थी.

हर जख्म की अलग कहानी

दोनों आंखे घायल. मुंह से रिसता खून. घायल होठ. पूरा चेहरा जख्मी. गर्दन घायल. दोनों हाथों की उंगलियों के नाखून घायल. जख्मी प्राइवेट पार्ट से बहता खून. बांया पैर जख्मी. पेट घायल. दाहिने पैर की एड़ी जख्मी. दाहिने हाथ की रिंग फिंगर टूटी हुई. ये जख्मों की वो लिस्ट है जो कोलकाता की ट्रेनी जूनियर डॉक्टर के हिस्से आई है.  जब ये लिस्ट ही कलेजा चीर रहा हो तो सोचिए अगर हर जख्म की कहानी.

कहानी की तरह सुना दी जाए तो क्या होगा. खुद को और खुद की आबरू को बचाने के लिए जूनियर डॉक्टर ने तब तक लड़ाई लड़ी जब तक होश ने उसका साथ दिया और जब तक वो होश में रही. घायल होकर भी खुद को और खुद के आबरू को बचा ले गई थी. लेकिन जख्मों की लिस्ट इतनी लंबी थी कि वो दर्द और होश दोनों से हार गई.

दिल दहला देगी डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट

जूनियर डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने हर जख्म का हिसाब दे दिया. रिपोर्ट कहती है कि जूनियर डॉक्टर के जिस्म पर जितने भी जख्म मिले हैं, वो उसे तब मिले जब वो खुद को बचाने की कोशिश कर रही थी. इसी कोशिश में उसके चश्मे का शीशा टूटा था. जिसके टुकड़े उसके आंखों में धंस गए. दोनों आंखों से खून आने की यही वजह थी.

चेहरे, नाक, मुंह पर जो जख्म थे, वो इसलिए आए क्योंकि आरोपी लगातार उसे काबू करने की कोशिश कर रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट पार्ट पर जख्म के निशान तब आए जब जूनियर डॉक्टर बेहोश हो चुकी थी और वो अपना गुस्सा उतार रहा था.

कोलकाता पुलिस वॉलेंटियर था संजय रॉय

कोलकाता पुलिस के मुताबिक पिछले कुछ दिनों की संजय की रूटीन कुछ यूं थी. 5 अगस्त को संजय रॉय खड़गपुर के सलुआ में पुलिस वेलफेयर सोसायटी की एक मीटिंग में हिस्सा लेने गया था. असल में संजय रॉय कोलकाता पुलिस में एक वॉलेंटियर की तरह काम करता था.

2019 में संजय पहली बार कोलकाता पुलिस के आपदा प्रबंधन समूह में बतौर वॉलेंटियर शामिल हुआ. कोलकाता पुलिस अपने ऐसे सिविक वॉलेंटियर को हर महीने एक खास रकम दिया करती है. बाद में संजय रॉय आपदा प्रबंधन से पुलिस कल्याण डिपार्टमेंट में चला गया.

मरीज की मदद के लिए आया था संजय

8 अगस्त की ही रात करीब 11 बजे संजय वापस आरजी कर अस्पताल पहुंचता है. यहां वो उसी मरीज से मिलता है, जिसे दिन में उसने भर्ती करवाया था. अस्पताल आने के बाद वो उस मरीज की एक्सरे कराने में मदद करता है. एक्सरे कराते वक्त मरीज के रिश्तेदार भी साथ में थे. एक्सरे कराने के बाद संजय फिर से अस्पताल से बाहर निकल जाता है.

वारदात के बाद पुलिस बैरक में जाकर सोया कातिल

कमाल देखिए, एक डॉक्टर की आबरू लूटने और उसकी जान लेने के बाद वो अस्पताल से निकल कर कहीं और नहीं जाता बल्कि करीब में ही मौजूद कोलकाता पुलिस के बैरक जाकर बेफिक्र सो जाता है. अब सुबह के करीब 8 बज चुके थे. ठीक इसी वक्त अस्पताल का एक स्टाफ तीसरी मंजिल के उस सेमिनार हॉल में दाखिल होता है.. वहां उसकी नजरों के सामने जूनियर डॉक्टर की लाश पड़ी थी.

सेना के जवानों की शहादत

अब दूसरी ओर बात करें तो देश की सुरक्षा में तैनात रहने वाले हमारे वीर जवानों को भी शहादत देनी पड़ रही है। अभी हाल ही में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में 2 जवान शहीद हो गए। 3 जवान जख्मी हैं। इसके अलावा फायरिंग में 2 नागरिक भी घायल हो गए।

माना जा रहा है कि आतंकी डोडा से अनंतनाग के इलाके में घुसे थे। ऑपरेशन जिले के कोकेरनाग टाउन में 10,000 फीट की ऊंचाई में चला। पुलिस अधिकारियों को आतंकवादियों के छिपे होने का इनपुट मिला था। इसके बाद पुलिस और सिक्योरिटी फोर्सेज की ज्वाइंट टीम सर्च ऑपरेशन में लग गई। इसी दौरान आतंकियों ने हमला कर दिया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top