केंद्र सरकार ने CAA लागू करने के बाद पहली बार 300 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी है. बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव ने ऐसे 14 लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र भी सौंप दिए. ये शरणार्थी पिछले कई साल से भारत की नागरिकता पाने की जद्दोजहद में लगे हुए थे.
नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना लागू होने के बाद बुधवार को पहली बार 300 लोगों को भारतीय नागरिकता दे दी गई. गृह मंत्रालय ने सभी को ऑनलाइन माध्यम से प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए. हालांकि प्रतीकात्मक तौर पर सर्टिफिकेट सौंपने के लिए 14 लोगों को दिल्ली भी बुलाया गया.केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने 14 आवेदकों को प्रमाण पत्र सौंपने के साथ ही उन्हें बधाई दी.
इसी साल 11 मार्च को लागू हुआ था CAA
केंद्र सरकार ने इसी साल 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को लागू किया था. इस अधिनियम के तहत भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से सताए गए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जानी है. हालांकि इस अधिनियम का लाभ उन्हीं लोगों को दिया जा सकता है जो 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत आए हों. अधिनियम के तहत पड़ोसी मुल्कों से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों ने आवेदन किया था. इनमें से 300 को भारतीय नागरिकता दे दी गई है.
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
सीएए के तहत भारतीय नागरिकता पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, इसके लिए सबसे पहले भारत में आने की तारीख बतानी होगी. दस्तावेजों के जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, तीनों पड़ोसी मुल्कों का कोई भी सरकारी प्रमाण पत्र चाहे वो लाइसेंस हो या शैक्षणिक.
इसके अलावा आवेदक को एक पात्रता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो यह पुष्ि करे कि आवेदक हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसा या जैन समुदाय का हो. शर्त यह है कि आवेदन लेने वाला 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत का शरणार्थी बन चुका हो.
ये चाहिए दस्तावेज
2014 दिसंबर से पहले भारत की शरण ले चुके आवेदकों को भारत का भी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होगा, इसके लिए पुराना वीजा, पैन कार्ड, बीमा पॉलिसी जैसे दस्तावेजों मांगे जा रहे हैं. खास बात ये है कि पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों को सीएए से छूट दी गई है