भारत के हस्तक्षेप ने कैसे रोका यूक्रेन पर परमाणु हमला?
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के समय पर हस्तक्षेप ने 2022 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन पर परमाणु हमला करने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी नेता शी जिनपिंग के आउटरीच और सार्वजनिक बयानों ने एक बड़े संकट को टालने में मदद की।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को संकेत मिले थे कि रूस यूक्रेन पर परमाणु हमले की योजना बना रहा है। इसके बाद अमेरिका ने रूस को ऐसे हमले से हतोत्साहित करने के लिए चीन और भारत की मदद मांगी।
भारत ने हमेशा रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांतिपूर्ण समाधान की अपील की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध से केवल विनाश होता है और इसका कोई विजेता नहीं होता।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन के हस्तक्षेप के बाद रूस ने अपना रुख बदला और परमाणु हमले की योजना को रद्द कर दिया।
भारत के हस्तक्षेप के कुछ प्रमुख बिंदु:
प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कई बार बातचीत की।
भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ रुख अपनाया और दोनों पक्षों को संयम बरतने की अपील की।
भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान की।
भारत के हस्तक्षेप के परिणाम:
रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमला नहीं किया।
रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति की संभावनाएं बढ़ीं।
भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि मजबूत हुई।
निष्कर्ष:
भारत के हस्तक्षेप ने रूस-यूक्रेन युद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत ने शांति की अपील करके और दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करके एक बड़े संकट को टालने में मदद की। भारत के हस्तक्षेप से भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि भी मजबूत हुई है।