‘तुमने लाखों मंदिर तोड़े…’ VHP नेता का बयान, कहा- कबतक जिन्ना की विरासत ढोते रहोगे?

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में बीते रविवार को विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल द्वारा शौर्य सभा और त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम आगरा रोड पर लाल बहादुर शास्त्री कन्या महाविद्यालय में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन शामिल हुए. मंच से बोलते हुए सुरेंद्र जैन ने कहा कि मंदिरों को तोड़कर उनके ऊपर एक मीनार बना दिया और उसका नाम जामा मस्जिद रख दिया.

उन्होंने कहा, ‘हमने कहा था उनसे 1984 में आप केवल तीन जगह दे दो. तुमने लाखों मंदिर तोड़े है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं तुम सब तन से जुदा के नारे तो लगाते हो. लेकिन कब तक तुम जिन्ना की विरासत को ढोते रहोगे. इस देश का खाते हो इस देश का बनकर रहोगे तो सुखी रहोगे. इन लुटेरों ने क्या किया. मंदिर तोड़े स्वरूप बदला. जल्दबाजी में मीनार बना दी और नई नेम प्लेट लगाकर डाल दी. मैं इतिहास का विद्यार्थी हूं. कहते हैं किसी ने कुतुब मीनार बनाई थी, किसी ने लाल किला बनाया. किसी ने ताजमहल बनाया. हैदराबाद का एक राजनीति तो सड़क छाप करता है.’

उन्होंने कहा, ‘एक नेता मुसलमान का वह कहता है कि आप हमको जाने के लिए कहते हो यदि हम गए तो ताजमहल भी ले जाएंगे, लाल किला, कुतुब मीनार भी ले जाएंगे. आपके पास क्या बचेगा. वह यह हमको चुनौती देता है. अरे आप अपना इतिहास पढ़ लो. पांच पीढ़ी पहले तुम्हारे पूर्वज भी हिंदू थे जिनको जबरन मुस्लमान बनाया गया और भारत के मुसलमान नेताओं को मैं कहना चाहता हूं कि जो अत्याचार तुम्हारे पूर्वजों पर इन विदेशी आक्रमणकारियों ने किया वही अत्याचार तुम हिन्दू भाई बहनों के साथ क्यों करना चाहते हो. डीएनए तो एक ही है.’

इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘जिन्ना की कंट्रोवर्सी एएमयू में बार-बार होती है. आश्चर्य है जिस राजा महेंद्र प्रताप ने वहां के लिए जमीन दी अगर जमीन ना होती तो एएमयू क्या तुम हवा में बना देते. इस राजा महेंद्र प्रताप का नाम गौरव से नहीं लेते. गौरव से नाम लेते हैं जिन्ना का. जिन्ना की तस्वीर नहीं हटाएंगे चाहे भारत माता मुर्दाबाद के नारे लगाने को तैयार हैं. चाहे सर तन से जुदा के नारे लगाने को तैयार हैं. यह कौन सी नस्ल है, कौन सी शिक्षा है, जो यहां पर दी जाती है.’

उन्होंने कहा, ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनने से पहले इसका नाम क्या था. मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज, यह एक मुस्लिम नेता और इस देश पर उस समय शासन करने वाले अंग्रेजों की मिली भगत का परिणाम था, इस यूनिवर्सिटी की स्थापना, जिंदगी भर यही करते रहे. भारत को कैसे बांटा जाए.

पाकिस्तान का विचार उनके पूर्व छात्रों ने किया. पाकिस्तान के निर्माण के लिए तर्क अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से गड़े गए और इसलिए जिन्ना ने कहा था यह पाकिस्तान का शस्त्रागार है. क्या कारण है मैं सोचा करता था. कश्मीर में आतंकवादी पकड़े जाते हैं उनके पास एएमयू का आई कार्ड क्यों होता है. पुरानी बातें कुछ आतंकवादि यहां हॉस्टल में छुपे हुए थे उनको पकड़ने के लिए उनके छानबीन के लिए आईबी का ऑफिसर जाता है उसको जान से मार दिया जाता है.’

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