अटल जयंती पर Madhya Pradesh को PM मोदी की सौगात, देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर खजुराहो में देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना के रूप में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और खजुराहो सांसद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर खजुराहो में देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना के रूप में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और खजुराहो सांसद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी भी किया।

पीएम मोदी ने परियोजना का शिलान्यास करने के साथ ही खंडवा जिले की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि पूजन किया। देश की नदियों को जोड़ने की परिकल्पना देने वाले वाजपेयी की जयंती पर यह परियोजनाएं मध्य प्रदेश के लिए बड़ी सौगात मानी जा रही हैं।

पीएम मोदी ने मंच पर ही केन और बेतवा नदी के जल से भरे कलशों से जल को प्रवाहित कर केन बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास किया। दो प्रमुख नदियों केन और बेतवा को आपस में जोड़ने से संबंधित केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना देश में भूमिगत दाबयुक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है।

इस परियोजना के पूर्ण होने पर मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। फसलों के उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुद्दढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

बेहतर जल प्रबंधन और औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी और 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा। इससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर और बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।

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