राजस्थान के कोटा में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की महिला इकाई ने एक नई पहल की है. इस पहल के तहत, महिलाओं को आत्मरक्षा के प्रति जागरूक करते हुए कटार भेंट की गई. कोटा जिले में, विहिप दुर्गा वाहिनी के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में गीता भवन में महिलाओं को कटार धारण करवाया गया.
इस अवसर पर माता वीरांगना दुर्गावती के जीवन और उनकी वीरता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिससे महिलाओं को प्रेरणा मिल सके.
विश्व हिन्दू परिषद् की महिला इकाई दुर्गा वाहिनी की क्षेत्रीय संयोजीका लता पांडे ने बताया कि अपनी बेटियों को नृत्य करना ना सिखाएं बल्कि शस्त्र चलाना सिखाएं. नारी शक्ति की एक ही वाहिनी दुर्गा वाहिनी है और जब जब धर्म पर दिक्कत आती है तो दुर्गा का रुप धारण कर धर्म की लाज बचाती है. दुर्गावाहिनी महिलाओं को कटार धारण कराते हुए संदेश दिया कि महिलाओं को अपनी रक्षा स्वयं करनी चाहिए. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना है.
‘महिलाओं ने हमेशा वीरता का परिचय दिया है’
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब जब धर्म की हानि हुई है महीलाओं ने अपनी वीरता का परिचय दिया है. शास्त्र के साथ साथ शस्त्र भी धारण किया है. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, हांडी रानी, चितोडगढ की पद्मावती सहीत एसे कई उदाहरण है जो इस बात का प्रमाण है. इस दौरान सेकड़ो की संख्या में नारी शक्ति मौजूद रही और कटार धारण किया.
400 बहनों ने ली कटार दीक्षा
प्रांत सह संयोजिका स्वीटी शर्मा ने बताया कि कोटा महानगर दुर्गा वाहिनी द्वारा मान वंदना कार्यक्रम में कटार दीक्षा कार्यक्रम संपन्न हुआ, कार्यक्रम में मुख्य वक्ता लता पंड्या क्षेत्रीय संयोजिका रही. उन्होंने बहनों को लव जिहाद से बचने के लिए और अपने सुरक्षा के लिए शस्त्र उठाना ही अनिवार्य बताया.
समाज में राक्षस प्रवृत्ति के लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है इस हेतु हमारी सुरक्षा हमें स्वयं ही करनी पड़ेगी. वीरांगना का शोर्य का इतिहास बताया, नारी अबला नहीं सबला है अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकती है, 400 बहनों ने कटार दीक्षा ली 550 से ज्यादा मातृशक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित रही.