भारत के लोकप्रिय बिजनसमैन रतन टाटा (86) का मुंबई में निधन हो गया है। रतन टाटा टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन थे। रतन टाटा के नेतृत्व में कंपनी ने नमक से लेकर लोहा बनाने के अपने बिजनस को कई गुना बढ़ा दिया। रतन टाटा ने अपने बिजनस करने के तरीके से न केवल भारत बल्कि दुनिया का दिल जीता।
रतन टाटा ने भारत को मजबूत करने के लिए बहुत बड़ा सपना देखा था। वह चाहते थे कि भारत हथियारों के मामले में भी आत्मनिर्भर बने। रतन टाटा ने इसके लिए पूरा प्लान बनाया और आज नतीजा यह है कि टाटा तोप से लेकर सेना के लिए प्लेन तक बना रही है। यही नहीं अब टाटा के हथियार भारत ही नहीं दुनिया को पसंद आ रहे हैं। हाल ही में टाटा को मोरक्को से बड़ा आर्डर मिला है।
आइए जानते हैं पूरी कहानी…
रतन टाटा का सपना था कि भारत में प्राइवेट एयरक्राफ्ट का प्रोडक्शन हो। रतन टाटा ने इसके लिए दिग्गज कंपनी एयरबस से हाथ मिलाया और C-295 विमान के निर्माण का सपना पूरा हुआ। टाटा ग्रुप ने डिफेंस प्रोडक्शन में जमकर पैसा खर्च किया। टाटा ग्रुप रक्षा सेक्टर में 1940 के दशक से काम कर रहा है। टाटा ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना के लिए आर्मर्ड स्टील की सप्लाई की। टाटा ग्रुप ने टाटानगर गाड़ी का भी निर्माण किया जो एक हथियारबंद वाहन था। साल 1947 में भारत के आजाद होने के बाद टाटा मोटर्स के जरिए टाटा ग्रुप भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा कर रहा है।
भारतीय सेना की जान हैं टाटा के ट्रक
टाटा मोटर्स भारत के रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की ओर से सबसे ज्यादा भागीदारी रखता है। टाटा की ओर से भारतीय सेनाओं के लिए कई तरह के हथियार बनाए जा रहे हैं। इसमें लॉजिस्टिक से लेकर युद्ध के मोर्चे पर जरूरी हथियार शामिल हैं। टाटा के सैन्य ट्रक आज न केवल भारतीय सेना बल्कि पैरा मिलिट्री की जान हैं। टाटा अब तक लाखों की तादाद में ऐसे ट्रक मुहैया करा चुका है। टाटा के इन सैन्य वाहनों को सार्क देशों, आसियान, अफ्रीकी देशों और संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक सैनिकों को अफ्रीका के युद्धक्षेत्र में मुहैया कराया जा चुका है।
साल 2011 में टाटा एडवांस्ड सिस्टम ने अमेरिका की चर्चित हथियार कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाया ताकि C-130 के ढांचे को भारत में बनाया जा सके। अप्रैल 2018 में टाटा ने अपनी सारी रक्षा से जुड़ी कंपनियों को मर्ज कर दिया और एक कंपनी बनाई टाटा एयरोस्पेस एंड डिफेंस। इस पूरे प्रयास के पीछे रतन टाटा थे।
आज टाटा की यह कंपनी हथियारबंद वाहन, एयरक्राफ्ट, ड्रोन, रेडार, हथियार सिस्टम, तोप, सेंसर, कमांड एंड कंट्रोल, कम्यूनिकेशन सिस्टम आदि बना रही है। आज टाटा की यह कंपनी दुनियाभर के हथियार सप्लाई चेन में बहुत अहम भूमिका निभा रही है।
मोरक्को ने जताया टाटा के हथियारबंद वाहन पर भरोसा
टाटा की हथियार फैक्ट्री आज तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड और महाराष्ट्र में मौजूद है। टाटा आज दुनिया के टॉप हथियार कंपनियों से गठजोड़ कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि रतन टाटा के एक दूरदर्शी लीडर थे और आज उनकी वजह से टाटा रक्षा क्षेत्र में दिग्गज कंपनी बन गई है।ॉ
हाल ही में अफ्रीकी देश मोरक्को ने टाटा को बड़ा ऑर्डर दिया है। टाटा मोरक्को की सेना के लिए 150 व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफार्म मुहैया कराएगी। यह एक युद्धक वाहन है जो मोरक्को की सेना इस्तेमाल करेगी। टाटा को यह ऑर्डर तब मिला है जब खुद भारतीय सेना अमेरिका से स्ट्राइकर सिस्टम खरीद रही है।
इस युद्धक वाहन को टाटा केस्ट्रेल ने बनाया है। टाटा केस्ट्रेल ने डीआरडीओ और भारतीय सेना के साथ गठबंधन किया था। इस वाहन को टाटा मोटर्स ने साल 2014 दुनिया के सामने पेश किया था। इसमें एक गन भी लगी हुई है। टाटा के इस युद्धक वाहन का रेगिस्तान से लेकर पठारी इलाकों तक जमकर टेस्ट किया गया है।
इसमें बैठे सैनिक दुश्मन के हमले से सुरक्षित रहते हैं और जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। टाटा ने हाल ही में भारतीय सेना के लिए 155 एमएम की तोप बनाई है। भारतीय सेना 400 तोप खरीदना चाहती है। यह तोप स्वचालित है और बहुत हल्की है जिससे इसे आसानी से चीन की सीमा पर पहुंचाया जा सकता है।