Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने ‘व्यास का तहखाना’ में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति मिलने के बाद से बयानबाजी तेज हो गई है। 31 जनवरी को अदालत के आदेश के बाद से अब तक करीब 2.5 लाख भक्तों ने ‘व्यास का तहखाना’ में पूजा की है।
स्वामी गोविंद देव गिरी का बयान:
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने कहा, “मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इन तीन मंदिरों (अयोध्या, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि) को सौंप देना चाहिए क्योंकि ये आक्रांताओं द्वारा हमारे ऊपर किए गए हमलों के सबसे बड़े निशान हैं. अगर मुस्लिम पक्ष इस दर्द को शांति से ठीक कर सकें, तो भाईचारा बढ़ाने में मदद मिलेगी.”
भाईचारा बढ़ाने में मिलेगा सहयोग:
स्वामी गोविंद देव गिरी ने कहा, ‘इसके कारण राष्ट्रीय समाज के अंतर कर्ण में बहुत वेदना है. यदि इस वेदना को ये लोग शांति के साथ दूर कर देते हैं तो भाईचारा बढ़ने में और अधिक सहयोग मिलेगा.’
मामले में आगे की सुनवाई:
गौरतलब है कि वाराणसी की एक अदालत ने बीते 31 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी थी. कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा था.
हालांकि कोर्ट फैसला आने के बाद पुलिस और प्रशासन ने मिलकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जिसके बाद अगले दिन से पूजा शुरू हो गई है. हालांकि कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट से झटका लगा था. अब इस मामले की सुनवाई 6 फरवरी को हाईकोर्ट में होगी. तब तक व्यासजी के तहखाने में पूजा हो रही है.