अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को रामराज्य की शुरुआत बताते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने एक प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव सोमवार 26 फरवरी को अयोध्या में विहिप के केंद्रीय न्यासी बोर्ड और गवर्निंग काउंसिल की बैठक में पारित किया गया।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए – “राष्ट्रीय हित में मतदान करें और शत-प्रतिशत मतदान करें” और “श्री राम मंदिर का निर्माण – अब रामराज्य की ओर”।
पहले प्रस्ताव में सभी नागरिकों से आगामी चुनावों में शत-प्रतिशत मतदान करने का आह्वान किया गया है। दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना है जो रामराज्य की शुरुआत का प्रतीक है।
बंसल ने कहा कि रामराज्य एक ऐसा समाज होगा जहां सभी लोग समान होंगे, जहां सभी को न्याय मिलेगा, और जहां सभी को खुशी और समृद्धि मिलेगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विहिप ने राम मंदिर के निर्माण के लिए देश भर के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर पूरे देश के लोगों की भावनाओं का प्रतीक है।
विहिप की इस बैठक में राम मंदिर के निर्माण के बाद देश में सामाजिक और धार्मिक सद्भाव बढ़ने की उम्मीद जताई गई। बैठक में यह भी कहा गया कि राम मंदिर देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है।
प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया
विहिप के इस प्रस्ताव पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोगों ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि यह रामराज्य की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक बयानबाजी करार दिया है।