Election 2024: 16 मार्च को निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है। चुनाव से पहले हुए कई सर्वेक्षणों और ओपिनियन पोल में भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है, कुछ तो इसे दो-तिहाई बहुमत हासिल करते हुए भी दिखा रहे हैं।
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष के पास अभी भी हार नहीं मानी है। उनके पास कई “बड़े पत्ते” हैं जिनका इस्तेमाल वो सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर देने के लिए कर सकते हैं।
लेकिन यदि ओपिनियन पोल सही होते हैं, तो यह विपक्ष के लिए बड़ा झटका होगा, खासकर कांग्रेस के लिए। राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा” ने सरकार पर दबाव डाला था, लेकिन यदि भाजपा केंद्र में पूर्ण बहुमत हासिल कर लेती है, तो कांग्रेस रणनीतिकारों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।
सर्वेक्षणों के अनुसार:
एबीपी सी वोटर: भाजपा बिहार, राजस्थान, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में मजबूत पकड़ बनाए रख सकती है। एनडीए को बढ़त मिलने की संभावना है।
न्यूज 18 पोल हब: एनडीए 411 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है, जिसमें भाजपा अकेले 350 सीटें जीत सकती है।
इंडिया टीवी – सीएनएक्स: एनडीए 378 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है, जिसके साथ भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल कर लेगी।
विपक्ष के पास अभी भी मौका:
- राजनीतिक विश्लेषक राकेश कुमार: भाजपा की चुनावी तैयारियां, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता, केंद्र सरकार की योजनाएं, राम मंदिर, सीएए और यूसीसी जैसे कारकों के कारण आगे दिख रही है।
- लेकिन, राहुल गांधी की घोषणाएं कुछ राज्यों में भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती हैं।
- पूर्वोत्तर में मणिपुर जैसे मुद्दों पर जनता की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी।
- यदि विपक्ष रणनीति से खेलता है तो समीकरणों में उलटफेर हो सकता है।
सर्वेक्षण भाजपा को बढ़त देते हैं, लेकिन विपक्ष के पास अभी भी हार नहीं मानी है। 16 मार्च को चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही असली तस्वीर सामने आएगी।
क्या कहते हैं सर्वे-ओपिनियन पोल
एबीपी सी वोटर ओपीनियन पोल का दावा है कि उसने 41762 लोगों से बातचीत के बाद पाया है कि भाजपा बिहार जैसे राज्यों में एक बार फिर मजबूत पकड़ बनाए रखने में सफल हो सकती है। राजस्थान की 25 और दिल्ली की सभी सातों सीटों पर भाजपा एक बार फिर जीत हासिल कर सकती है तो दक्षिण के आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के बल पर भाजपा गठबंधन 25 में से 20 सीटें तक हासिल कर सकता है। ओपिनियन पोल का आकलन है कि इस चुनाव में एनडीए बढ़त की स्थिति में रह सकती है।
दावों के अनुरूप बढ़ रहा एनडीए
देश के 21 राज्यों के 518 लोकसभा क्षेत्रों में 1.18 लाख लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर न्यूज 18 पोल हब ओपिनियन पोल का दावा है कि इस बार एनडीए 411 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है। भाजपा अकेले दम पर 350 के लगभग सीट हासिल कर सकती है।
ओपिनियन पोल का दावा है कि भाजपा गठबंधन अकेले उत्तर प्रदेश में 77 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है। पोल का दावा है कि भाजपा उत्तर भारत के राज्यों में ज्यादातर राज्यों में अपना कब्जा बरकरार रखेगी, जबकि पश्चिम बंगाल में लोगों के अनुमान के उलट भाजपा बढ़त हासिल कर सकती है।
पूर्ण बहुमत की सरकार
इंडिया टीवी – सीएनएक्स ओपिनियन पोल का दावा है कि एनडीए 543 में से 378 सीटों तक पर जीत हासिल कर सकती है। यानी भाजपा एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बना सकती है, जबकि ओपीनियन पोल में सबसे बड़ा झटका इंडिया गठबंधन को लग सकता है जो ओपीनियन पोल के अनुसार सौ से भी नीचे ही निबट सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह विपक्ष के लिए बड़ा झटका होगा।
‘विपक्ष के हाथ से सब कुछ समाप्त नहीं हुआ’
राजनीतिक विश्लेषक राकेश कुमार ने अमर उजाला से कहा कि इस समय की भाजपा की चुनावी तैयारियों, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता, केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, राम मंदिर निर्माण, सीएए और यूसीसी जैसे कानूनों के कारण भाजपा स्पष्ट तौर पर बढ़त पाती हुई दिखाई पड़ रही है।
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि विपक्ष के पत्ते पूरी तरह समाप्त हो गए हैं। राहुल गांधी की महिलाओं-युवाओं के लिए घोषणाएं किसी दूसरे राज्य में भले न काम करें, लेकिन कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और केरल-तमिलनाडु जैसे राज्यों में भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। इसी तरह पूर्वोत्तर में मणिपुर जैसे विषय पर जनता की प्रतिक्रिया क्या रहने वाली है, यह देखने वाली बात होगी। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष पूरी मजबूती के साथ अपने पत्ते खेले तो अभी भी कई समीकरणों में बड़ा उलटफेर हो सकता है।