ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में एक जनसभा में राम मंदिर पर निशाना साधते हुए मुस्लिम नौजवानों से मस्जिदों को आबाद रखने की अपील की थी। ओवैसी के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी आलोचना की है।
ओवैसी के विवादित बयान पर भड़के BJP MLA
भाजपा नेता नीरज बबलू ने कहा कि ओवैसी देश के नौजवानों को भड़काना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि राम मंदिर के निर्माण से ओवैसी घबराए हुए हैं। ओवैसी के बयान पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि ओवैसी का बयान भड़काऊ है और हिंदुओं के प्रति द्रोह की भावना दिखाता है।
ओवैसी के इस बयान पर भाजपा नेता नीरज बबलू ने कहा कि वो (ओवैसी) देश के नौजवानों को भड़काना चाहते हैं… मुझे लगता है जो भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। उससे वो घबराहट में हैं… वो उन्माद फैला रहे हैं… अगर वो उन्माद फैलाने का प्रयास करेंगे तो वो हिंदुत्व की ताकत को वो नहीं समझ रहे हैं… हिंदुत्व अगर भड़क जाएगा तो देश में रहना मुश्किल हो जाएगा… ऐसे उग्रवादी तत्व को तुरंत जेल में भेज देना चाहिए।
आर्थिक-सामाजिक संदर्भ
आर्थिक-सामाजिक संदर्भ में, असदुद्दीन ओवैसी का राम मंदिर पर निशाना साधने वाला बयान भारत में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को दर्शाता है। अयोध्या विवाद एक ऐसा मुद्दा है जो भारत में लंबे समय से विभाजनकारी रहा है। राम मंदिर के निर्माण के फैसले ने इस विभाजन को और बढ़ा दिया है। ओवैसी का बयान इस विभाजन को और बढ़ावा दे सकता है।
राजनीतिक संदर्भ
राजनीतिक संदर्भ में, ओवैसी का बयान एक चुनावी रणनीति के रूप में भी देखा जा सकता है। ओवैसी एक मुस्लिम नेता हैं और उनका मुख्य आधार मुस्लिम समुदाय है। ओवैसी का बयान मुस्लिम समुदाय में उनकी लोकप्रियता बढ़ाने का प्रयास हो सकता है।
आलोचकों की प्रतिक्रिया
ओवैसी के बयान की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। भाजपा का कहना है कि ओवैसी देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते हैं। भाजपा ने ओवैसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है।
ओवैसी की प्रतिक्रिया
ओवैसी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी समुदाय को भड़काने का प्रयास नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनका बयान केवल एक चेतावनी है कि मुस्लिम समुदाय को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।