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दिल्ली शराब घोटाला केस: BJP नेता ने सीएम केजरीवाल की पत्नी पर कसा तंज-'ये तो राबड़ी देवी बन रहीं'

दिल्ली शराब घोटाला केस: BJP नेता ने सीएम केजरीवाल की पत्नी पर कसा तंज-‘ये तो राबड़ी देवी बन रहीं’

दिल्ली शराब घोटाला केस: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी हिरासत 15 अप्रैल तक बढ़ा दी है, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। केजरीवाल की हिरासत बढ़ाए जाने के बाद, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला।

सुनीता केजरीवाल ने कहा कि ये लोग लोकसभा चुनाव के कारण आप प्रमुख और मेरे पति अरविंद केजरीवाल को जेल में रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता ”इस तानाशाही” का जवाब देगी।

सुनीता केजरीवाल तो राबड़ी देवी बन रहीं हैं

कोर्ट की सुनवाई के बाद सुनीता केजरीवाल ने कहा, “उन्हें जेल क्यों भेजा गया है? उनका एक ही लक्ष्य है – लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें जेल में डालना। देश की जनता इस तानाशाही का जवाब देगी।

उनके इस बयान पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सुनीता केजरीवाल की तुलना लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी से कर दी और कहा कि वे तो अब राबड़ी देवी बन रही हैं। बता दें कि राबड़ी देवी, जो तब बिहार की मुख्यमंत्री बनीं, जब उनके पति लालू यादव भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए थे।

केजरीवाल अब जेल में कैबिनेट बैठक कर सकते हैं

हरदीप पुरी ने तंज कसा और कहा, “सुनीता तो राबड़ी देवी बन रही हैं। मैं पिछले 10 दिनों में 3-4 बार कह चुका हूं कि ‘अब ये राबड़ी देवी’ आगे आएंगी। मेरे कहने का मतलब यह है कि अब सुनीता केजरीवाल आगे आएंगी।”

इसके बाद हरदीप सिंह पुरी ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अब कैबिनेट बैठकें कर सकते हैं क्योंकि आप के दो नेता – मनीष सिसौदिया और संजय सिंह – जेल में हैं। उन्होंने कहा, “क्या कोई सरकार सलाखों के पीछे से चल सकती है?…यहां एक ऐसी सरकार है जिसके तीन मंत्री पहले से ही सलाखों के पीछे हैं। उनके पास कोरम है, वे सलाखों के पीछे कैबिनेट बैठकें कर सकते हैं।”

बांसुरी स्वराज ने कसा तंज

भाजपा नेता बांसुरी स्वराज ने कहा कि अदालत का मानना ​​है कि केजरीवाल को सलाखों के पीछे रहना चाहिए। “हम सभी ने कल दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया ब्लॉक की रैली के दौरान भ्रष्टाचार का फ्लॉप शो देखा।

उन्होंने कल जो किया वह ‘रैली’ की परिभाषा में फिट नहीं बैठता। रैली का मतलब होता है एक विशाल जनसभा, हालांकि वीडियो में आपको खाली कुर्सियां ​​दिखेंगी. इसका मतलब है कि जनता उनके साथ नहीं है।”

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