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जय सिंह: मंदिर पुनर्जनन के महान योद्धा, हिंदू संकल्प का अमर प्रतीक, संस्कृति की रक्षा और धार्मिक पुनर्जागरण का अग्रदूत

जय सिंह, जिन्हें आम्बेर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के नाम से जाना जाता है, मंदिर पुनर्जनन के महान योद्धा थे, जिन्होंने हिंदू संकल्प को अक्षुण्ण रखा। उनका जीवन संस्कृति की रक्षा और धार्मिक पुनर्जागरण का अग्रदूत बना। मुगल शासन के दबाव के बावजूद उन्होंने हिंदू मंदिरों को पुनर्जीवित किया, जो उनके साहस और […]

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लेफ्टिनेंट कर्नल ए बी तारापोर : असहनीय दर्द, बहता रहा खून, जज्बा ऐसा कि पाकिस्तान में घुसकर खोद डाली 60 टैंकों की कब्र

असहनीय दर्द, बहता खून, और अटूट जज़्बा… इन शब्दों में समाया है लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर (A. B. Tarapore) का अनुपम साहस। 1965 का भारत-पाक युद्ध टैंकों की ताकत पर लड़ा गया एक भीषण युद्ध था, जिसमें पाकिस्तान के पास अमेरिकी पैटन टैंक थे। इन टैंकों के दम पर जीत का सपना देखने वाले

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श्यामा प्रसाद मुखर्जी: कश्मीर एकीकरण के महानायक और हिंदू गौरव के अमर प्रतीक

श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के उन महानायकों में से एक हैं, जिन्होंने कश्मीर के एकीकरण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और हिंदू गौरव का अमर प्रतीक बने। उनका साहस, दृढ़ संकल्प, और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण ने भारत के इतिहास को नई दिशा दी। यह लेख उनके कश्मीर एकीकरण के संघर्ष, उनके

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RSS प्रमुख गोलवलकर: गौ रक्षा को राष्ट्रीय आंदोलन बनाकर हिंदू संस्कृति के गौरव की रक्षा

RSS के दूसरे सरसंघचालक गुरुजी एम.एस. गोलवलकर ने गौ रक्षा को एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप दिया और हिंदू संस्कृति के गौरव की रक्षा का बीड़ा उठाया। उनके 33 साल के नेतृत्व में RSS ने गौ हत्या के खिलाफ एक शक्तिशाली आवाज बनाई, जो हिंदू एकता और संस्कृति की रक्षा का प्रतीक बनी। यह लेख

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11 सितंबर: आज ही के दिन जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्म संसद में किया संबोधन, दुनिया झुकी हिंदुत्व के तेज के आगे

11 सितंबर 1893 का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म संसद में अपने संबोधन से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस एक मिनट के भाषण ने हिंदुत्व की गहराई और शक्ति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, जिसके आगे पश्चिमी दुनिया ने सिर

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RSS प्रमुख मोहन भागवत का 75वां जन्मदिन आज: 16 वर्षों से संघ की धुरी, राष्ट्र निर्माण और हिंदू चेतना के मार्गदर्शक

आज RSS के प्रमुख मोहन भागवत का 75वां जन्मदिन है, जो संगठन और हिंदू समाज के लिए एक बड़ा उत्सव है। 16 साल से वे RSS की धुरी बने हुए हैं, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण और हिंदू चेतना को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। उनका जीवन समर्पण, मेहनत, और हिंदू संस्कृति के प्रति अटूट निष्ठा का प्रतीक

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गोरखा नरेश पृथ्वी नारायण शाह: अखंड नेपाल के संस्थापक और हिंदू अस्मिता के अमर प्रहरी, जिन्होंने विधर्मियों की साज़िशों को कुचला

गोरखा नरेश पृथ्वी नारायण शाह नेपाल के इतिहास में एक अमर नाम हैं, जिन्होंने अखंड नेपाल की नींव रखी और हिंदू अस्मिता की रक्षा की। वे विधर्मियों—मुगलों और ब्रिटिश औपनिवेशिक ताकतों—की साज़िशों को कुचलने वाले वीर योद्धा थे। 18वीं शताब्दी में अपने साहस और दूरदर्शिता से उन्होंने नेपाल को एक शक्तिशाली हिंदू राज्य बनाया। यह

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सम्राट विक्रमादित्य: ज्ञानवापी मंदिर निर्माता, हिंदू गौरव और काशी की सनातन धरोहर के रक्षक

सम्राट विक्रमादित्य भारतीय इतिहास के महान शासकों में से एक हैं, जिन्हें ज्ञानवापी मंदिर के निर्माता के रूप में जाना जाता है। वे हिंदू गौरव के प्रतीक और काशी की ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षक थे। पहली शताब्दी ईस्वी के आसपास उज्जैन पर शासन करने वाले इस महान सम्राट ने अपनी बुद्धि, वीरता, और धर्मनिष्ठा से

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महाराणा राजसिंह: बप्पा रावल के वंशज, जिन्होंने औरंगजेब को ललकारा और हिंदू अस्मिता की रक्षा की

महाराणा राजसिंह मेवाड़ के इतिहास में एक शक्तिशाली नाम हैं, जो बप्पा रावल के वंशज के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने औरंगजेब को ललकारकर हिंदू अस्मिता की रक्षा की, जो राइट-विंग दर्शकों के लिए हिंदू शौर्य और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। 17वीं शताब्दी में, जब मुगल साम्राज्य अपने चरम पर था, राजसिंह ने

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जाट रेजीमेंट: जिसके आगे थर्राता है दुश्मन, 1971 में पाक को हराया, लाहौर तक पहुँचकर 1965 की जंग का रुख बदला

जाट रेजीमेंट भारतीय सेना का गर्व है, जो अपने साहस, अनुशासन, और देशभक्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस रेजीमेंट का नाम सुनते ही दुश्मन के दिल में आज भी थरथराहट पैदा होती है। 1795 में स्थापित इस रेजीमेंट ने ब्रिटिश काल से लेकर आज तक भारत की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जाट समुदाय,

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