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21 जून: पूज्य डॉ. हेडगेवार की पुण्यतिथि, जिनका लगाया ‘संघ’ रूपी बीज आज राष्ट्रभक्ति की छांव दे रहा है

21 जून का दिन भारत के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। यह वह दिन है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक और प्रथम सरसंघचालक, परम पूज्य डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की पुण्यतिथि मनाई जाती है। डॉ. हेडगेवार, जिन्हें प्यार से ‘डॉक्टर जी’ कहा जाता है, ने 1925 में एक छोटा सा बीज […]

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हल्दीघाटी का शेर: महाराणा प्रताप की अडिग वीरता की गाथा

जब मुगल बादशाह अकबर की तलवारें हिंदुस्तान को अपने अधीन करने की साजिश रच रही थीं, तब मेवाड़ की पवित्र भूमि पर एक ऐसा योद्धा खड़ा हुआ, जिसने न केवल अपनी तलवार से, बल्कि अपने अडिग स्वाभिमान से इतिहास के पन्नों को स्वर्णिम कर दिया। महाराणा प्रताप, जिन्हें हल्दीघाटी का शेर कहा जाता है, वह

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जाटों का शौर्य: भरतपुर में मुगलों के विरुद्ध अमर संग्राम की गाथा

जब मुगल साम्राज्य की तलवारें हिंदुस्तान की धरती पर खून की होली खेल रही थीं, तब भरतपुर के जाट वीरों ने अपनी माटी के सम्मान और धर्म की रक्षा के लिए वह इतिहास रचा, जो आज भी हर भारतीय के रोंगटे खड़े कर देता है। 18वीं सदी में, जब मुगल बादशाह अपनी सत्ता की आग

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बैटल ऑफ हाइफा: हिंदुस्तानी तलवारों ने चुप कराईं तुर्क बंदूकें, इजरायल आज भी करता है मेजर दलपत सिंह शेखावत को सलाम

बैटल ऑफ हाइफा: हिंदुस्तानी तलवारों ने चुप कराईं तुर्क बंदूकें, इजरायल आज भी करता है मेजर दलपत सिंह शेखावत को सलाम

23 सितंबर 1918, प्रथम विश्व युद्ध का दौर। इजरायल का हाइफा शहर तुर्की और जर्मन सेनाओं के कब्जे में था। उनके पास मशीनगनें, तोपें और आधुनिक हथियार थे, जबकि भारत के जोधपुर लांसर्स के पास केवल तलवारें, भाले और अडिग साहस। फिर भी, मेजर दलपत सिंह शेखावत के नेतृत्व में भारतीय घुड़सवारों ने हाइफा को

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17 जून : राजमाता जीजाबाई, भारतवर्ष की वो महान नारी शक्ति जिनके संस्कारों के कारण शिवाजी बन सके हिंदवा सूर्य छत्रपति शिवाजी

भारतवर्ष की पवित्र धरती ने अनेक वीरांगनाओं को जन्म दिया, जिन्होंने अपने साहस, त्याग और संस्कारों से इतिहास के पन्नों को स्वर्णिम बनाया। इनमें सर्वोपरि हैं राजमाता जीजाबाई, जिनकी मातृशक्ति और दृढ़ संकल्प ने न केवल एक पुत्र को जन्म दिया, बल्कि एक युगपुरुष, हिंदवा सूर्य छत्रपति शिवाजी महाराज को गढ़ा। जीजाबाई वह दीपशिखा थीं,

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कूका विद्रोह: गौ-रक्षा हेतु सरदारों का शौर्य, तोपों से टकराई भुजाएं, मुक्त किए गौवंश

कूका विद्रोह: गौ-रक्षा के लिए सरदारों का बलिदान, तोपों से लड़ी भुजाएं, मुक्त कराए गौवंश

भारत की पवित्र धरती पर गौ-माता को सदियों से पूजा जाता रहा है, क्योंकि वह भारतीय संस्कृति, धर्म और अर्थव्यवस्था का आधार है। लेकिन 19वीं सदी में, जब अंग्रेजी शासन ने भारत को गुलामी की जंजीरों में जकड़ा, तब गौ-हत्या को बढ़ावा देकर हमारी सांस्कृतिक जड़ों पर प्रहार किया गया। इसी दौरान, पंजाब की धरती

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14 जून: बलिदान दिवस भाई मणी सिंह जी — अंग-अंग मुग़ल तलवार से कटता रहा, पर वह मुसलमान न बने; धर्म की रक्षा में रच दी अमर शौर्य गाथा

14 जून का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। यह वह पावन तिथि है, जब एक सिख योद्धा, भाई मणी सिंह जी, ने अपने अंग-अंग को मुगल तलवारों की भेंट चढ़ाकर भी धर्म की रक्षा की और हिंदू-सिख गौरव का परचम लहराया। 14 जून 1738 को लाहौर में उनकी शहादत ने

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11 जून: अमर क्रांतिवीर पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की जयंती — चरखा चलता रहा, लहू बहता रहा

11 जून का दिन भारत की सनातनी धरती के लिए एक पावन तीर्थ है। यह वह शुभ दिन है, जब माँ भारती के आँचल में एक ऐसे वीर सपूत ने जन्म लिया, जिसने अपने लहू से स्वतंत्रता की अमर गाथा लिखी। हम बात कर रहे हैं अमर क्रांतिवीर पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की, जिनका जन्म 11

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10 जून: हिंदू सम्राट सुहेल देव, जिसने सोमनाथ मंदिर तोड़ने वाले गाजी को कर दिया कब्र में दफन और हिंदू गौरव की रक्षा की

आज 10 जून 2025 है, और यह दिन भारतीय इतिहास के एक अनमोल रत्न, हिंदू सम्राट राजा सुहेलदेव की वीरता को सलाम करने का दिन है। यह वह ऐतिहासिक तारीख है, जब बहराइच की पावन धरती पर राजा सुहेलदेव ने इस्लामी आक्रांता सालार मासूद गाजी की छाती चीरकर उसे हमेशा के लिए कब्र में दफना

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केरल में 10,000 हिंदुओं की हत्या: जिहादियों ने रची थी साजिश, 1921 की मोपला नरसंहार की कहानी

केरल में 10,000 हिंदुओं की हत्या: जिहादियों ने रची थी साजिश, 1921 की मोपला नरसंहार की कहानी

केरल की मालाबार भूमि, जो कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जानी जाती थी, 1921 में एक ऐसे खूनी नरसंहार की गवाह बनी, जिसने हिंदू समुदाय को गहरे जख्म दिए। यह वह दौर था जब मोपला विद्रोह की आड़ में जिहादियों ने एक सुनियोजित साजिश के तहत 10,000 हिंदुओं को मौत के

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