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जैन साधुओं का तप व संघर्ष: धर्म की रक्षा और मंदिरों हेतु अमर बलिदान की गाथा

जैन साधुओं की तपस्या और साहस की कहानी भारतीय इतिहास में एक अनुपम अध्याय है। कठोर व्रतों और अहिंसा के बल पर उन्होंने धर्म और मंदिरों की रक्षा के लिए अदम्य संघर्ष किया, जो हिंदू सभ्यता के गौरव को जीवंत रखता है। उनके अमर बलिदान ने न केवल जैन धर्म को मजबूती दी, बल्कि आक्रमणों […]

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नहीं चलेगी ट्रंप की मनमानी! भारत, चीन और रूस ने एकजुट होकर दुनिया को क्या संदेश दिया?

दुनिया की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत, चीन और रूस पर लगाए गए भारी टैरिफ और सख्त नीतियों के जवाब में ये तीन देश एकजुट होकर सामने आए हैं। यह एक ऐतिहासिक पल है, जहां तीन बड़े देशों ने मिलकर यह संदेश

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गोकुला से राजाराम तक जाट क्रांति की ज्वाला जिसने मुगल साम्राज्य को हिला डाला

गोकुला से राजाराम तक, जाट वीरों की तलवारों ने मुगल अत्याचार के खिलाफ एक ऐसी क्रांति को जन्म दिया, जो इतिहास के पन्नों में अमर हो गई। धर्म की रक्षा और स्वराज की मांग के साथ, इन योद्धाओं ने मुगल सत्ता को चुनौती दी और हिंदू शौर्य की नई कहानी लिखी। यह लेख आपको उनके

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सनातन वैभव के रक्षक नरसिंहदेव प्रथम: कोणार्क सूर्य मंदिर के निर्माता और बंगाल सुल्तान के विजेता

नरसिंहदेव प्रथम, 13वीं सदी के गंग वंश के एक महान शासक, भारतीय इतिहास में सनातन वैभव के रक्षक के रूप में अमर हैं। अपने शासनकाल (1238-1264) में उन्होंने कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण कराया, जो हिंदू वास्तुकला और आध्यात्मिकता का एक अनुपम उदाहरण है, और बंगाल के सुल्तान को पराजित कर इस्लामी आक्रमणों का सफलतापूर्वक

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30 अगस्त: भारत के अमर क्रांतिकारी कनाईलाल दत्त, मातृभूमि की रक्षा हेतु 20 वर्षीय वीर नायक का बलिदान

30 अगस्त का दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक गौरवशाली अध्याय है, जो क्रांतिकारी कनाईलाल दत्त के बलिदान को समर्पित है। मात्र 20 वर्ष की आयु में उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर हिंदू शौर्य और देशभक्ति की एक अमर गाथा रची। उनकी वीरता ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ी गई

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‘The Logsabha’ Survey: योगी आदित्यनाथ देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री, गृह राज्य में हिमंता और तमांग रहे नंबर-1

आज के समय में, हर किसी की राय मायने रखती है, खासकर जब बात देश के नेतृत्व और विकास की हो। इसी को ध्यान में रखते हुए The Logsabha ने ‘The Logsabha सर्वे 2025’ नाम से एक शानदार पहल की है। यह सर्वेक्षण सिर्फ एक साधारण मतदान नहीं है, बल्कि यह देश की जनता के

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29 अगस्त: मेजर सुधीर वालिया का बलिदान, अशोक चक्र से सम्मानित..20 आतंकियों का सफाया कर अमर हुए शेरदिल सपूत

29 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास में मेजर सुधीर वालिया के बलिदान का प्रतीक है, जिन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। कुपवाड़ा में 20 इस्लामिक आतंकियों का सफाया कर उन्होंने हिंदू शौर्य और देशभक्ति की एक अमर गाथा रची। उनकी वीरता मातृभूमि की एकता, अखंडता, और स्वाभिमान की रक्षा का प्रतीक है। यह लेख

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अरब आक्रमणों के विरुद्ध मेवाड़ की ढाल बने बप्पा रावल वंशज वीर खेमराज गुहिल, राजपूत शौर्य की अमर गाथा

वीर खेमराज गुहिल का नाम हिंदू इतिहास में मेवाड़ की रक्षा और राजपूत शौर्य का प्रतीक है। वे बप्पा रावल के वंशज थे, जिन्होंने अरब आक्रमणों के विरुद्ध मेवाड़ की ढाल बनकर एक अमर गाथा रची। 8वीं सदी में, जब इस्लामी सेनाएँ भारतीय उपमहाद्वीप पर हमले कर रही थीं, खेमराज गुहिल ने अपनी तलवार और

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माँ पद्मिनी जौहर: इस्लामी आक्रांता खिलजी की छाया से बचकर 16 हजार वीरांगनाओं संग अग्नि प्रवेश

माँ पद्मिनी का नाम हिंदू इतिहास में वीरता और सम्मान का प्रतीक है। वे वह महान नारी थीं, जिन्होंने इस्लामी आक्रांता अलाउद्दीन खिलजी की छाया से बचने के लिए 16 हजार वीरांगनाओं के साथ जौहर का बलिदान दिया और हिंदू शौर्य की एक अमर गाथा रची। 14वीं सदी में, जब चित्तौड़गढ़ इस्लामी आक्रमण की चपेट

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नेताजी की आज़ाद हिन्द फ़ौज के पहले शहीद मेजर दुर्गा मल्ल, जिनका बलिदान आज़ादी की नींव बना

मेवाड़ के राणा प्रताप और लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह की तरह, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक और नाम अमर है—मेजर दुर्गा मल्ल। वे वह वीर योद्धा थे, जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फ़ौज के पहले शहीद बनकर आज़ादी की नींव रखी। उनकी कहानी हिंदू शौर्य और देशभक्ति की एक ऐसी मिसाल है,

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