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7 जुलाई: कारगिल वॉर में पाकिस्तान को आखिरी सांस तक चटाई धूल… और भारत मां की गोद में हमेशा के लिए सो गए कैप्टन विक्रम बत्रा

7 जुलाई 2025 को हम कारगिल के शेर कैप्टन विक्रम बत्रा के बलिदान दिवस को याद करते हैं। उनका जन्म 9 सितंबर 1974 को हिमाचल प्रदेश में हुआ था। वे भारतीय सेना में शामिल हुए और 1999 के कारगिल युद्ध में वीरता दिखाई। Vikram Batra के ‘यह दिल मांगे मोर’ नारे ने कारगिल में हाई […]

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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी: जनसंघ के संस्थापक और हिंदू स्वाभिमान के लिए बलिदान देने वाले राष्ट्रनायक

6 जुलाई : जन्मजयंती पर राष्ट्रपुत्र डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को हम याद करते हैं, जिन अमर शहीद के नाम पर हम नारा ‘जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है’ लगाते हैं। उनका जन्म 1901 में कोलकाता में हुआ था। उनकी शिक्षा में गहन प्रवीणता थी और 33 साल की उम्र में वे

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गंगा की लहरों पर गूंजा शौर्यगान: रानी दुर्गावती का वो रणसंग्राम जिसने मुगलों को धूल चटाई

रानी दुर्गावती का नाम हिंदू वीरता का निशान है। 1524 में कालिंजर में चंदेल राजवंश में पैदा हुईं, वे गोंडवाना की रानी बनीं। उनके पति दलपत शाह की मौत के बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे विर नारायण के लिए राज संभाला। 1564 में मुगलों से लड़ा गया उनका युद्ध गंगा क्षेत्र के पास गूंजा। 5

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4 जुलाई: स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर नमन, हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के अमर रक्षक की गाथा

जिस महान व्यक्तित्व की आज 4 जुलाई को पुण्यतिथि है, वे अपने विचारों में जीवंत हैं। स्वामी विवेकानंद, जिन्होंने हिंदुत्व को नई दिशा दी, आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने कहा, ‘एक हिंदू का धर्मान्तरण केवल एक हिंदू का कम होना नहीं, बल्कि एक शत्रु का बढ़ना है।’ मजहबी आक्रमण के खिलाफ निर्भीक खड़े

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भारत के हिंदू सागर योद्धा से हारा था यूरोप, शिवाजी महाराज के सैनिक कान्होजी आंग्रे के वीरता की वो कहानी जानिए

भारत के सागर योद्धा से हारा था यूरोप, शिवाजी महाराज के सैनिक कान्होजी आंग्रे के वीरता की वो कहानी जानिए

समुद्र की गहराइयों में एक हिंदू सागर योद्धा ने यूरोप की शक्ति को झुका दिया, जिनका नाम था कान्होजी आंग्रे। शिवाजी महाराज के इस वीर सैनिक ने अंग्रेज, पुर्तगाली और डच जैसी यूरोपीय ताकतों को ललकारा। 1698 से 1729 तक उनकी वीरता ने मराठा समुद्र को अजेय बनाया। उनकी तलवारों ने हिंदू स्वाभिमान को लहराया

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पझासी राजा की गौरवगाथा: इस्लामी आक्रांताओं को ललकारा, अंग्रेजों को हराया, हिंदू शौर्य और बलिदान की अमर कहानी

केरल की धरती पर एक वीर योद्धा ने इतिहास को नई दिशा दी, जिसका नाम है पझासी राजा। इस शेर ने इस्लामी आक्रांताओं की बर्बरता को ललकारा और अंग्रेजों की शक्ति को चुनौती दी। 1793 से 1805 तक उनके हिंदू शौर्य ने वायनाड की रक्षा की। उनकी तलवारों ने सनातन गौरव को बुलंद किया और

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जब त्रावणकोर ने रोकी टीपू सुल्तान की जिहादी आंधी: हिंदू योद्धाओं ने बदल दिया इतिहास

1789 में जब टीपू सुल्तान की जिहादी आंधी ने दक्षिण भारत को रौंदने की कोशिश की, तब त्रावणकोर के हिंदू योद्धाओं ने ऐसी शौर्य गाथा लिखी कि इतिहास बदल गया। नेदुमकोट्टा की प्राचीरों पर खड़े इन वीरों ने टीपू की विशाल सेना को ललकारा। उनकी तलवारों ने सनातन धर्म की शान को बचाया और हिंदू

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1 जुलाई: अमर बलिदानी बीरबल सिंह ढालिया…लाठियां खाईं, गोलियां सहीं, फिर भी थामे रखा तिरंगा और गाते रहे वंदे मातरम्

1 जुलाई 1946 को रायसिंहनगर की धरती पर एक सच्चा देशभक्त तिरंगे की शान के लिए शहीद हो गया। बीरबल सिंह ढालिया, बीकानेर प्रजा परिषद के वीर योद्धा, ने लाठियों की मार और गोलियों की बौछार झेली, पर तिरंगा नहीं छोड़ा। ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए उन्होंने अंतिम सांस

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सिन्धु की रक्षा में जाट वीरों का शौर्य: नादिर शाह को ललकारा, दिल्ली की अस्मिता बचाई

1739 में जब फारस का क्रूर आक्रांता नादिर शाह भारत की धरती को रौंदने आया, तब सिन्धु नदी की पवित्र भूमि पर जाट वीरों ने ऐसी शौर्य गाथा लिखी, जो आज भी हर भारतीय के दिल में गर्व की आग जलाती है। दिल्ली को लूटने और हिंदू स्वाभिमान को कुचलने की मंशा लेकर आए इस

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29 जून: कैप्टन विजयंत थापर…कारगिल में शहीद हो चुके थे सभी साथी, फिर भी अकेले लड़े, विजय पाई और अमर हो गए

29 जून 1999 को कारगिल की बर्फीली चोटियों पर एक सैनिक ने देशभक्ति की ऐसी मिसाल कायम की, जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जोश भर देती है। कैप्टन विजयंत थापर, 2 राजपूताना राइफल्स का नन्हा शेर, ने अपने सभी साथियों के शहीद होने के बाद भी दुश्मन से अकेले लोहा लिया। गोलियों की बौछार

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