Blog

Lal Bahadur Shastri: छोटे कद के बड़ी शख्सियत वाले नेता, ‘गुदड़ी के लाल’ की वो सादगी जिसने शास्त्री को PM की कुर्सी तक पहुंचाया

Lal Bahadur Shastri: छोटे कद के बड़ी शख्सियत वाले नेता, ‘गुदड़ी के लाल’ की वो सादगी जिसने शास्त्री को PM की कुर्सी तक पहुंचाया

Lal Bahadur Shastri: लाल बहादुर शास्त्री भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपनी सादगी, ईमानदारी और कड़ी मेहनत से पूरे देश का दिल जीत लिया। उनका जीवन सादगी और आदर्शों का प्रतीक था, जिसे देखकर हर कोई प्रभावित होता था। शास्त्री जी का कद छोटा था, लेकिन उनके विचार और […]

Lal Bahadur Shastri: छोटे कद के बड़ी शख्सियत वाले नेता, ‘गुदड़ी के लाल’ की वो सादगी जिसने शास्त्री को PM की कुर्सी तक पहुंचाया Read More »

खतरे में हिंदू लड़कियां! UP के कई जिलों में प्लेग की तरह फैल रहा `लव जिहाद`, क्या कोई गैंग है इसके पीछे मास्टरमाइंड?

खतरे में हिंदू लड़कियां! UP के कई जिलों में प्लेग की तरह फैल रहा `लव जिहाद`, क्या कोई गैंग है इसके पीछे मास्टरमाइंड?

उत्तर प्रदेश में हाल के समय में ‘लव जिहाद’ का मुद्दा फिर से सुर्खियों में है। कई जिलों से लगातार ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट सामने आ रही हैं, जिनमें हिंदू लड़कियों के साथ मुस्लिम युवाओं द्वारा शादी के नाम पर धोखाधड़ी, धर्मांतरण और अन्य अपराध किए जा रहे हैं। इस मुद्दे ने सामाजिक और राजनीतिक

खतरे में हिंदू लड़कियां! UP के कई जिलों में प्लेग की तरह फैल रहा `लव जिहाद`, क्या कोई गैंग है इसके पीछे मास्टरमाइंड? Read More »

आदर्श पालन या चमचागीरी? CM आतिशी के बगल की खाली कुर्सी पर मचा बवाल

दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते समय आतिशी के बगल में एक खाली कुर्सी का विवाद गहराता जा रहा है। आतिशी ने कहा कि यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की प्रतीकात्मक वापसी का प्रतीक है। वहीं, बीजेपी ने इस कदम को चमचागीरी करार दिया। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि इस

आदर्श पालन या चमचागीरी? CM आतिशी के बगल की खाली कुर्सी पर मचा बवाल Read More »

अगर दरगाह में मिलता सुअर का मांस तो जल उठता देश! मोदी सरकार होती तानाशाह करार, पर तिरुपति लड्डू में बीफ पर चुप्पी क्यों?

अगर दरगाह में मिलता सुअर का मांस तो जल उठता देश! मोदी सरकार होती तानाशाह करार, पर तिरुपति लड्डू में बीफ पर चुप्पी क्यों?

भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है, जहां हर धर्म और संस्कृति को अपने-अपने तरीकों से आदर और सम्मान मिलता है। यहां के धार्मिक स्थल केवल आस्था के केंद्र नहीं होते, बल्कि राष्ट्रीय एकता और भाईचारे के प्रतीक भी होते हैं। ऐसे में जब भी किसी धर्म के साथ किसी प्रकार का अनादर होता

अगर दरगाह में मिलता सुअर का मांस तो जल उठता देश! मोदी सरकार होती तानाशाह करार, पर तिरुपति लड्डू में बीफ पर चुप्पी क्यों? Read More »

PM मोदी का 74वां जन्मदिन: जानिए भारत को बुलंद बनाने वाले उनके 10 साहसिक फैसले

स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज 74वां जन्मदिन है. गरीबी में पले-बढ़े नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपने बचपन के दिनों और खासकर हीरा बा को यादकर भावुक हुए हैं. महज 8 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए. चाय बेचकर अपने परिवार की

PM मोदी का 74वां जन्मदिन: जानिए भारत को बुलंद बनाने वाले उनके 10 साहसिक फैसले Read More »

नालंदा विश्वविद्यालय: खण्डहरों से साकार होता ज्ञानपुंज और मुस्लिम आक्रांताओं की ढाल बनते वामपंथी इतिहासकार

नालंदा विश्वविद्यालय: क्या यह आश्चर्य की बात नहीं है कि विश्व का पहला आवासीय विश्वविद्यालय जहां विश्व के अनेक देशों से आए 10 हजार से ज्यादा विद्यार्थी और लगभग 2000 अध्यापक ज्ञान साधना में रत रहे हों और जो लगभग 800 वर्षों तक ज्ञान का प्रकाश फैलाता रहा हो, सदियों तक जमीन में दबा रहा?

नालंदा विश्वविद्यालय: खण्डहरों से साकार होता ज्ञानपुंज और मुस्लिम आक्रांताओं की ढाल बनते वामपंथी इतिहासकार Read More »

हेमू विक्रमादित्य: कई देशों की सेना से भी बड़ी थी इस हिन्दू राजा की फौज, अकेले मुगलों को हराकर किया था दिल्ली पर कब्जा

हेमू विक्रमादित्य: कई देशों की सेना से भी बड़ी थी इस हिन्दू राजा की फौज, अकेले मुगलों को हराकर किया था दिल्ली पर कब्जा

हेमू विक्रमादित्य: जब भारत के महान और साहसी राजाओं का नाम लिया जाएगा, तो उसमें हेमू विक्रमादित्य का नाम अवश्य शामिल होगा। 16वीं सदी में, जब मुस्लिम शासक अपनी पकड़ भारत में मजबूत कर रहे थे, हेमू विक्रमादित्य एक ऐसे योद्धा और नेता थे जिन्होंने हिंदू राज की स्थापना की। अपने जीवनकाल में उन्होंने 22

हेमू विक्रमादित्य: कई देशों की सेना से भी बड़ी थी इस हिन्दू राजा की फौज, अकेले मुगलों को हराकर किया था दिल्ली पर कब्जा Read More »

शिवाजी महाराज से चंद्रशेखर आजाद तक: श्रेष्ठता जन्म से नहीं अपने धर्म, कला और गुणों से प्राप्त की

शिवाजी महाराज से चंद्रशेखर आजाद तक: श्रेष्ठता जन्म से नहीं अपने धर्म, कला और गुणों से प्राप्त की

भारतीय इतिहास और संस्कृति में सदैव इस बात पर बल दिया गया है कि किसी भी व्यक्ति की महानता उसके जन्म से नहीं, बल्कि उसके कर्म, कला और गुणों से होती है। यह विचारधारा हमारे शास्त्रों और महापुरुषों की शिक्षाओं में गहराई से निहित है। जीवन में किस तरह से कर्म, साहस, और सत्यनिष्ठा की

शिवाजी महाराज से चंद्रशेखर आजाद तक: श्रेष्ठता जन्म से नहीं अपने धर्म, कला और गुणों से प्राप्त की Read More »

Will Yogi Become CM Again in UP Vidhan Sabha Election 2027?

Will Yogi Adityanath Secure a Third Term as Chief Minister in the 2027 UP Vidhan Sabha Elections?

As the UP Vidhan Sabha Election 2027 approach, there is growing optimism among political observers and BJP supporters that Yogi Adityanath is poised to secure a third consecutive term as Chief Minister. Known for his decisive leadership and development-focused governance, Yogi Adityanath has solidified his position as a key figure in Uttar Pradesh’s political landscape.

Will Yogi Adityanath Secure a Third Term as Chief Minister in the 2027 UP Vidhan Sabha Elections? Read More »

Scroll to Top