दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति मामले में मेडिकल आधार पर जमानत के आग्रह वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को न्यायिक हिरासत में केजरीवाल की डॉक्टरी जरूरतों का ध्यान रखने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 19 जून तक के लिए बढ़ा दी। अदालत मामले में वैधानिक ज़मानत का आग्रह करने वाली केजरीवाल की याचिका पर सात जून को सुनवाई कर सकती है।
ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने पिछली बार कहा था कि जमानत याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है। उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत के ‘दुरुपयोग’ का हवाला देते हुए सीएम केजरीवाल के आचरण की आलोचना की थी।
वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन के नेतृत्व में केजरीवाल के बचाव पक्ष ने दावा किया था, ‘उनकी डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अंतरिम जमानत याचिका जरूरी थी।’
ईडी ने दलील दी थी कि केजरीवाल का मेडिकल टेस्ट जेल में कराया जा सकता है। उन पर सरेंडर से बचने की कोशिश करने का आरोप है। आम चुनाव के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद केजरीवाल ने दो जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था।
केजरीवाल से पत्नी सुनीता और राघव चड्ढा ने की मुलाकात
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार को यहां तिहाड़ जेल में मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि जेल नियमों के अनुसार दोनों को दोपहर एक बजे आधे घंटे के लिए आगंतुक कक्ष में ‘आप’ प्रमुख से मिलने की अनुमति दी गई।
नियमों के अनुसार, जेल में एक कैदी से दो आगंतुक हफ्ते में दो बार मिल सकते हैं। कैदी को अपने परिवार के सदस्यों से प्रतिदिन पांच मिनट तक फोन पर बात करने की भी अनुमति है। जेल के एक सूत्र ने यह भी बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार को अपनी कोठरी में टेलीविजन पर लोकसभा चुनाव के नतीजे देखे। जेल अधिकारियों के अनुसार, डायबिटीज के मरीज केजरीवाल की निगरानी के लिए दो डॉक्टर हैं और उन्हें रोजाना इंसुलिन दी जा रही है।