दमोह में धर्मांतरण का नया खेल, गुड शेफर्ड स्कूल में हिंदू छात्राओं को टीसी में बता दिया ‘किश्चियन’, नहीं मिल रहा एडमिशन

दमोह से फिर एक चौंकाने वाला मामला आया है. मिशनरी स्कूल ने कागजों पर लड़कियों का धर्म बदल दिया. बहला फुसलाकर धर्मांतरण नहीं कर पाए तो कागजों यानि उनके टीसी पर धर्म बदल दिया और किसी को खबर तक नहीं होने दी.

हाल ही में दमोह में हिन्दू बच्चियों को हिजाब पहनाने के मामले ने तूल पकड़ा हुआ था. अब ये नई करामात सानमे आई है. एक मिशनरी स्कूल ने कागजों पर हिन्दू छात्राओं का धर्म क्रिश्चियन लिख दिया. पता लगने पर परिजनों ने शिकायत की तो बाल आयोग भड़क गया और जांच शुरू की.

दमोह के गुड शेफर्ड स्कूल में खेला

मध्य प्रदेश में धर्मांतरण का खेल रुक नहीं रहा है. दमोह में स्कूली बच्चियों को हिजाब पहनाने के बाद अब एक मिशनरी स्कूल का धर्म बदलने का खेल सामने आया. दमोह के गुड शेफर्ड स्कूल ने हिंदू बच्चियों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट में क्रिश्चियन लिख दिया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधन उन पर धर्म बदलने का दबाव बना रहा था. जब उन्होंने नहीं माना तो स्कूल प्रबंधन ने उनकी बच्चियों के टीसी में हिंदू की जगह क्रिश्चियन लिख दिया.

परिजन अब परेशान हैं. जिला शिक्षा अधिकारी,कलेक्टर और यहां तक कि वह एफिडेविट पर नोटरी कराकर दे रहे हैं. अपने हिंदू होने का सबूत दफ्तर दफ्तर जमा कर रहे हैं कि उनके बच्चों के टीसी से क्रिश्चियन हटवाकर हिंदू लिखवा दिया जाए , लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

ट्रांसफर सर्टिफिकेट में क्रिश्चियन लिख दिया

परेशान परिजनों ने बाल आयोग में शिकायत की तो बाल आयोग की टीम ने जांच शुरू कर दी और उसमें ही खुलासा हुआ कि क्रिश्चियन स्कूल ने मनमर्जी से हिंदू बच्चियों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट में क्रिश्चियन लिख दिया. ज़ी मीडिया के पास वह तमाम दस्तावेज हैं. इसमें बाल आयोग की जांच से लेकर परिजनों के एफिडेविट शिकायत पत्र और टीसी जिसमें गुड शेफर्ड स्कूल ने हिंदू बच्चियों के रिलीजियन में क्रिश्चियन लिखा है.

अब परिजन टीसी में लिखे गलत धर्म को चेंज करवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं . उधर बाल आयोग ने कलेक्टर को नोटिस जारी किया है और तीन दिन में पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. परिजनों ने जनवरी में शिकायत की थी. गुड शेफर्ड स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप के चलते स्कूल को बंद किया गया था. जुलाई में परिजनों ने जब टीसी निकलवाया तो हिन्दू की जगह बच्चियां क्रिश्चियन बन गयी. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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