दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत की मियाद आज पूरी हो रही है। रविवार को केजरीवाल को तिहाड़ जेल अथॉरिटी के सामने सरेंडर करना ही होगा। उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका डाल रखी थी लेकिन कोर्ट से उन्हें तत्काल राहत नहीं मिली है।
सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी ‘सेहत को लेकर झूठे बयान’ दिए और ‘तथ्यों को दबाया’। अदालत ने अंतरिम जमानत पर 5 जून तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसका मतलब है कि 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना ही होगा।
अरविंद केजरीवाल ने तथ्यों को दबाया, अपनी सेहत को लेकर झूठे बयान दिए: ED
अरविंद केजरीवाल पर तथ्यों को दबाने और झूठे बयान देने का आरोप लगाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया। दिल्ली के सीएम ने स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की है। ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल तमाम राज्यों में चुनाव प्रचार करते रहे लेकिन मेडिकल टेस्ट नहीं कराए।
अब सरेंडर के टाइम वह मेडिकल ग्राउंड पर अंतरम जमानत मांग रहे हैं। ईडी की तरफ से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आरोप लगाया कि केजरीवाल टेस्ट में देरी के जरिए कोर्ट को गुमराह करना चाहते हैं। ईडी ने दिल्ली के केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में दावा किया कि उनका वजन 1 किलोग्राम बढ़ा हुआ है लेकिन वह झूठा दावा कर रहे हैं कि उनका वजन 7 किलो घट गया है। एजेंसी ने कहा कि मेडिकल टेस्ट कराने के बजाय वह यात्राएं करते रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए ईडी ने कहा, ‘कल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह 2 जून 2024 को सरेंडर करेंगे। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह यहां से राहत पाने की भी कोशिश करेंगे। वह अपनी मर्जी से सरेंडर नहीं कर रहे हैं। कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस से हम गुमराह हुए हैं।’
मेडिकल बेल के लिए है याचिका: केजरीवाल के वकील
अरविंद केजरीवाल की तरफ से सीनियर ऐडवोकेट एन. हरिहरण ने कहा, ‘अंतरिम जमानत मेरी पार्टी जो कि राष्ट्रीय पार्टी है, उसके चुनाव प्रचार के उद्देश्य से मिली थी…मैं 20 दिन के लिए बाहर आया हूं और अगर मैंने चुनाव प्रचार नहीं किया तो आप ही कहेंगे कि ये देखिए, उन्होंने प्रचार नहीं किया और बीमार पड़ गए।’ उन्होंने ये भी कहा कि ये याचिका सुप्रीम कोर्ट के आदेश को एक्सटेंड करने के लिए नहीं है बल्कि ये मेडिकल बेल के लिए है।