दिल्ली के मयूर विहार फेस-2 में मंदिरों को हटाने की कोशिश से लोगों में आक्रोश है। रात के अंधेरे में मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया होता। पूरे लाव लश्कर के साथ दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए की टीम मंदिरों को तोड़ने के लिए पहुंची थीं। बुलडोजर साथ थे और सैकड़ों पुलिसकर्मी एहतियात के तौर पर डीडीए अधिकारियों ने बुला लिए थे। हालांकि एक्शन से पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आदेश पर मंदिर टूटने से बच गए।
पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रविंदर सिंह नेगी बताते हैं कि पटपड़गंज विधानसभा के मयूर विहार फेस 2 में स्थित मंदिरों को तोड़ने के लिए हाईकोर्ट के आदेशानुसार DDA की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के तुरंत आदेश के बाद मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया रोक दी गई। असल में काली मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर, ये मंदिर मयूर विहार फेज 2 के संजय झील पार्क में बने हैं, जिन्हें डीडीए का हॉर्टिकल्चर विभाग अवैध बताता है। इसके लिए दावा किया जाता है कि ये मंदिर ग्रीन बेल्ट पर बने हैं।
मंदिर के अंदर घंटियां बजाकर जुटाए गए लोग
मंदिरों को हटाने के लिए डीडीए की तरफ से पहले नोटिस चस्पा किए गए थे। उसके बाद पिछली रात डीडीए के अधिकारी मंदिरों को तोड़ने के लिए पहुंच गए। डीडीए की टीम को देख स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। वहां लोगों की भीड़ जमा थी। कुछ तस्वीरों में देखा गया कि मंदिर के अंदर घंटियां बजाकर लोगों को जुटाया गया था। डीडीए की टीम के साथ पुलिस बल का अच्छा खासा दस्ता था। महिलाओं के विरोध को ध्यान में रखते हुए महिला पुलिसकर्मियों को भी वहां बुलाया गया था। स्थानीय लोग बताते हैं कि पार्क में बने सभी मंदिर 40 साल पुराने हैं। मामले की जानकारी मिलने पर पटपड़गंज विधायक रविंदर सिंह नेगी भी रात में ही पहुंच गए।
रविंदर नेगी कहते हैं, ‘बिना किसी पूर्व सूचना के पुलिस बल और डीटीए का पूरा अमला सुबह 3 बजे मौके पर पहुंचा। जब हम मौके पर पहुंचे तो हमने उनसे पूछा कि जब भी कोई तोड़फोड़ होती है तो पहले सूचना देना जरूरी होता है। उन्होंने जवाब दिया कि ग्रीन बेल्ट के मामलों में कोई नोटिस नहीं दिया जाता और वो सीधे तोड़फोड़ की कार्रवाई करते हैं।
रेखा गुप्ता को रात में गया कॉल और रुकी बुलडोजर कार्रवाई
विधायक रविंद्र नेगी के पहुंचने के बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों से बातचीत की थी। रविंद्र नेगी खुद बताते हैं कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उपराज्यपाल और सांसद हर्ष मल्होत्रा से बात की गई थी। उसके बाद कार्रवाई को रुकवाया गया और पुलिस को वापस भेजा गया। रविंद्र नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के तुरंत आदेश के बाद मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया रोक दी गई। फिलहाल मंदिर को तोड़े जाने की कार्रवाई पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी गई है।