नागपुर में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इस दंगे के मास्टरमाइंड के रूप में पहचाने गए फहीम खान को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे दंगा भड़काने और भीड़ को उकसाने का दोषी माना जा रहा है।
फहीम खान ‘अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी’ का अध्यक्ष है और 2024 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुका है, हालांकि उसे भारी हार का सामना करना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दंगे से पहले उसने लगभग 500 लोगों को इकट्ठा कर भड़काऊ भाषण दिया, जिसमें उसने आरोप लगाया कि पुलिस हिंदुओं की है और मुस्लिमों की कोई मदद नहीं करेगी।
फहीम खान की इस उकसाने वाली बयानबाजी के बाद भीड़ उग्र हो गई और पुलिस थाने के पास हिंसा भड़क उठी। एफआईआर में बताया गया है कि दंगाइयों ने लाठी-डंडों, कुल्हाड़ियों और पत्थरों से लैस होकर पुलिस और हिंदू समुदाय को निशाना बनाया। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम फेंके, पत्थरबाजी की और लाठियों से हमला किया।
हमले के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को घेर लिया गया और उनके साथ बदसलूकी की कोशिश की गई। पुलिस रिपोर्ट में दर्ज जानकारी के मुताबिक, दंगाइयों ने 50 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिसमें दो क्रेन मशीनें भी शामिल थीं। हिंसा में करीब 70 लोग घायल हुए, जिनमें से आधे से अधिक पुलिसकर्मी हैं।
CRPF के एक कमांडेंट को भी निशाना बनाया गया, उनकी गाड़ी पर पत्थरबाजी की गई, वहीं नागपुर के डीसीपी निकेतन कदम के हाथ पर कुल्हाड़ी मारी गई, जिनकी सर्जरी कराई गई है। पुलिस ने अब तक 57 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की 46 धाराएँ शामिल हैं।
नागपुर पुलिस ने अब तक इस मामले में 1200 से अधिक लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है और बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही है। अब तक 50 से अधिक दंगाइयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसा को देखते हुए शहर के कुछ हिस्सों में 19 मार्च 2025 तक कर्फ्यू लागू किया गया है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।