हाल ही में राजस्थान के जोधपुर में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें डॉ. इम्तियाज पर 2000 से अधिक हिंदू बच्चों को गर्भ में ही मारने का आरोप है। इस घटना को “डिलीवरी जिहाद” कहा जा रहा है और सोशल मीडिया पर इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हो रही है।
घटना का खुलासा और आरोपों की गंभीरता
आरोप है कि डॉ. इम्तियाज ने हिंदू महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चों को मारने के लिए गलत चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग किया। इस घटना के खुलासे ने पूरे समाज को हिला कर रख दिया है। खासतौर से हिंदू लोगों के बीच।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया: तनाव और विवाद
घटना के बाद सोशल मीडिया पर #डिलीवरीजिहाद और #JihadiCrimes जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिससे समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है। कई लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कई सालों से सस्पेंड चल रहा है डॉ. इम्तियाज
जोधपुर के बालेसर में चीफ मेडिकल ऑफिसर रह चुका डॉक्टर इम्तियाज पिछले कई सालों से निलंबित चल रहा है। डॉक्टर इम्तियाज अवैध रूप से भ्रूण परीक्षण करने के मामले में चार बार गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि उसने 50 से अधिक महिलाओं का अवैध रूप से भ्रूण परीक्षण किया है।
टीम ने इनके कब्जे से अत्याधुनिक भ्रूण लिंग परीक्षण की पोर्टेबल मशीन भी जब्त की है। गौरतलब है कि डॉक्टर इम्तियाज जोधपुर के बालेश्वर के ब्लॉक सीएमओ पद पर कार्य था, लेकिन लिंग परीक्षण करते हुए पकड़े जाने के बाद सस्पेंड हो गया। आरोपियों ने बताया कि यह पोर्टेबल मशीन दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास स्थित भागीरथ पैलेस क्षेत्र के सर्जिकल मार्केट से खरीदा गया है।
जांच की प्रक्रिया और कानूनी स्थिति
राज्य पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं जो आरोप को साबित कर सकें, लेकिन निष्पक्ष जांच का वादा किया गया है। इस घटना ने साम्प्रदायिक तनाव को और भी बढ़ा दिया है। राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
यह मामला समाज में तनाव और अविश्वास को बढ़ा रहा है। सच्चाई सामने लाने के लिए निष्पक्ष और गहराई से जांच आवश्यक है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और न्याय हो सके।