अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी एक कार्यकारी आदेश के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली विदेशी सहायता को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान को दी जा रही सहयता को पुनर्मूल्यांकन कराने के भी आदेश दिए हैं।
अमेरिकी दूतावास की ओर कहा गया है कि एएफसीपी कोष ऐतिहासिक इमारतों, पुरातात्विक स्थलों, संग्रहालय संग्रहों और दुनिया भर में स्वदेशी भाषाओं और शिल्प जैसी पारंपरिक सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों की रक्षा करने में मदद करता है। कराची स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के एकअधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप द्वारा जारी कार्यकारी आदेश के अनुसार अमेरिका ने पुनर्मूल्यांकन तक पाकिस्तान की विदेशी सहायता रोक दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस निर्णय के परिणामस्वरूप ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित पांच परियोजनाएं भी रुक गई हैं।
इन परियोजनाओं में पावर सेक्टर इम्प्रूवमेंट एक्टिविटी, पाकिस्तान प्राइवेट सेक्टर एनर्जी एक्टिविटी, एनर्जी सेक्टर एडवाइजरी सर्विसेज प्रोजेक्ट, क्लीन एनर्जी लोन पोर्टफोलियो गारंटी प्रोग्राम और पाकिस्तान क्लाइमेट फाइनेंसिंग एक्टिविटी शामिल हैं। आर्थिक विकास से जुड़ी चार परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। इनमें से सामाजिक सुरक्षा गतिविधि एकमात्र ऐसा कार्यक्रम था जिसे 2025 में समाप्त होना था।
अमेरिका के इस कदम से स्वास्थ्य, कृषि, आजीविका और खाद्य सुरक्षा, बाढ़, जलवायु और शिक्षा से जुड़ी कई परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। लोकतंत्र, मानवाधिकार और शासन निधि भी ट्रंप के आदेश से प्रभावित हुई हैं। जियो न्यूज के अनुसार, ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि इनमें से कुछ कार्यक्रम हमेशा के लिए बंद कर सकते हैं या उनकी राशि में बड़ी कटौती की जा सकती है। हालांकि प्रभावित परियोजनाओं का कुल लागत को लेकर अभी जानकारी सामने नहीं आई है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका वर्तमान में पाकिस्तान को कितनी वार्षिक सहायता दे रहा है।
वहीं अभी तक पाकिस्तान के अधिकारियों ने विकास और ट्रंप के कार्यकारी उपायों के पाकिस्तान को सहायता रोकने पर पड़ने वाले प्रभाव की पुष्टि नहीं की है।