प्रदेश में आतंकियों का नया गढ़ बनते जा रहे जम्मू संभाग के सीमावर्ती और पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकियों के सफाए के लिए पुलिस ने सेना के साथ मिलकर बीते एक पखवाड़े में लगभग दो दर्जन अभियान शुरू किए हैं।
खोजो और मारो के मूल मंत्र के साथ राजौरी-पुंछ, डोडा-किश्तवाड़, रियासी और ऊधमपुर व कठुआ के ऊपरी इलाकों में चलाए जा रहे इन अभियानों में ड्रोन और खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सेना के पैरा कमांडो दस्ते की भी मदद ली जा रही है।
जम्मू में आतंकी गतिविधियों में आई है तेजी
उल्लेखनीय है कि जम्मू संभाग में बीते कुछ वर्षों के दौरान आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। आतंकियों ने राजौरी-पुंछ, डोडा-किश्तवाड़, रियासी और ऊधमपुर व कठुआ के ऊपरी इलाकों में सुरक्षाबलों पर कई सनसनीखेज हमले किए हैं।
आतंकियों ने गुरिल्ला युद्ध में पूरी तरह प्रशिक्षित कमांडो की तरह सुरक्षाबलों पर हमला कर भागने और जंगल में गायब होने की रणनीति को अपनाया है। यह आतंकी एम4कार्बाइन समेत अत्याधुनिक हथियारों व अत्याधुनिक संचार उपकरणों से लैस हैं। राजौरी, पुंछ, डोडा, रामबन, कठुआ, किश्तवाड़ और ऊधमपुर के ऊपरी इलाकों में विगत वर्ष में विभिन्न आतंकी हमलों में 21 सुरक्षाकर्मी बलिदानी हुए हैं और इस दौरान 16 आतंकी मारे गए हैं। रियासी में गत वर्ष आतंकियों ने नौ श्रद्धालुओं की हत्या भी की थी।
40से 50 बताई जा रही है आतंकियों की संख्या
पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां जम्मू संभाग में सक्रिय आतंकियों की संख्या को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन विभिन्न स्रोतों के आधार पर इनकी संख्या 45-50 तक बताई जाती है और इनमें से लगभग 30 आतंकी राजौरी-पुंछ-रियासी-माहौर में सक्रिय हैं। अन्य 15-20 आतंकी कठुआ, उधमपुर, डोडा व किश्तवाड़ में सक्रिय बताए जाते हैं और यह सभी विदेशी ही हैं। बीते वर्ष आतंकियों ने डोडा में ग्राम रक्षा समूह के तीन सदस्यों की हत्या भी की।