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मस्जिद बहाना, मकसद था हिंसा फैलाना... हल्द्वानी दंगा की पहले ही रच दी गई थी साजिश! मिला बड़ा सबूत

मस्जिद बहाना, मकसद था हिंसा फैलाना… हल्द्वानी दंगा की पहले ही रच दी गई थी साजिश! मिला बड़ा सबूत

हल्द्वानी हिंसा: प्रशासन ने किया बड़ा खुलासा, साजिश की आशंका

हल्द्वानी में अवैध मस्जिद-मदरसे पर बुलडोजर एक्शन के बाद हिंसा फैल गई थी। गुरुवार को नगर निगम ने मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद हिंसा इतनी भयानक तरीके से फैली कि पूरे इलाके में दंगा हो गया, शहर छावनी में तब्दील हो गई और कर्फ्यू लगा दिया गया। हल्द्वानी हिंसा में अब तक 2 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों लोग घायल हैं।

प्रशासन ने बड़ा खुलासा

हल्द्वानी हिंसा को लेकर प्रशासन ने बड़ा खुलासा किया है। नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा है कि हल्द्वानी हिंसा के पीछे एक बड़ी साजिश है।

साजिश के सबूत

  • जब नोटिस दिया गया था, तब वहां इतने भारी मात्रा में पत्थर नहीं थे।
  • अतिक्रमण हटाने के आधे घंटे के बाद ही आगजनी हो गई।
  • मस्जिद-मदरसे के आसपास के घरों पत्थर मिले
  • थाने में खड़े गाड़ियों में आग लगाई गई
  • आसपास के छतों से पथराव किया गया
  • भीड़ ने पेट्रोल बेम से हमला किया
  • भीड़ ने थाने पर हमला किया
  • थाने में पुलिसवालों को जिंदा जलाने की कोशिश
  • छतों पर पत्तर इकट्ठा करके रखे गए थे

क्यों हुई हिंसा

उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को अवैध मदरसा और नमाज स्थल के ध्वस्तीकरण के दौरान भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है और तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. अधिकारियों के मुताबिक, बनभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा के बाद तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते हुए गोली मारने के आदेश दिए गए. उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

अब क्या?

हल्द्वानी हिंसा के बाद शहर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। कर्फ्यू अभी भी लागू है और पुलिस स्थिति पर नजर रख रही है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की जान जा चुकी है। जिसमें गफूर बस्ती के रहने वाले पिता-पुत्र जॉनी और अनस की मौत हो गई है। इसमें आरिस पुत्र गौहर उम्र – 16 साल की भी जान गई है। गाँधी नगर के रहने वाले फहीम की मौत हुई है, तो बनभूलपुरा के रहने वाले इसरार और सीवान (32) की भी मौत हुई। वहीं, पत्थरबाजी की घटनाओं में 300 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इन घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम पारितोष वर्मा, कालाढूँगी की एसडीएम रेखा कोहली, तहसीलदार सचिन कुमार, सीओ स्पेशल ऑपरेशन नितिन लोहनी समेत 200 से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी शामिल हैं।

यह मामला गुरुवार (08 फरवरी 2024) का है। जहाँ हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना इलाके में कोर्ट के ऑर्डर के बाद अतिक्रमण हटाने पहुँचे 800 प्रशासनिक कर्मचारियों, अधिकारियों और पुलिस को घेर लिया गया। छतों से पत्थर चलाए गए। पुलिस को पूरी तरह से पीछे ढकेल दिया गया और बनफूलपुरा थाने को ही घेर लिया गया। गाड़ियों को आग लगा दिया गया। भीड़ को रोकने के लिए छोड़े गए आँसू गैस के गोलों का भी कोई असर नहीं दिखा। इस्लामिक भीड़ पूरी तरह से बेपरवाह दिखी, मानों वो सिर्फ आतंक का राज कायम करने पर ही उतारू थी।

इंटरनेट बंद, कर्फ्यू लागू, देखते ही गोली मारने के आदेश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के हालात पर चर्चा के लिए हाई लेवल मीटिंग बुलाई। बैठक में शासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इसी के साथ नैनीताल जिला प्रशासन ने दंगा प्रभावित क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया है। वहीं, प्रशासन ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं। इस बीच राज्य सरकार ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

हल्द्वानी हिंसा एक दुखद घटना है। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी शांति बनाए रखें और इस तरह की घटनाओं को दोबारा न होने दें।

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