अधपके फैक्ट, अधूरी रिसर्च और मनचाहे निष्कर्ष… क्यों हो गया आर्थिक साम्राज्यों को हिलाने वाले हिंडनबर्ग का The End?

6 मई, 1937. अमेरिका के न्यू जर्सी के लेकहर्स्ट एयरस्टेशन पर एक विमान उतरने की कोशिश कर रहा था. इस विमान को नाजी जर्मनी ने बनाया था. इस विमान के पीछे नाजियों दौर की गवाही देता हेकेनक्रूज़ बना हुआ था. नीचे से लोगों का हुजूम इस विमान को उतरते हुए देख रहे थे. तभी अचानक आसमान में एक तेज धमाका हुआ. लोग ठिठक गये. देखते ही देखते विमान लपटों में घिर गया.

बस 30 सेकेंड और ये विमान जमीन पर गिर गया. धुएं से पूरा आसमान काला हो गया. इस विमान में हाइड्रोजन गैस से भरे 16 गुब्बारे थे. आपराधिक लापरवाही करते हुए इस विमान में करीब 100 लोगों को जबरन बैठा दिया गया था. इस हादसे में 35 लोगों की जान चली गई थी. उस समय दुनिया में हाईड्रोजन के गुब्बारों से पहले भी हादसे हुए थे ऐसे में सबक लेते हुए इस हादसे से बचा जा सकता था.

नाथन एंडरसन नाम के शख्स ने जब इस इतिहास को पढ़ा तो इसमें उनके लिए एक मैसेज था. इजरायल में एम्बुलेंस ड्राइवर रह चुके नाथन एंडरसन ने तय किया कि वो एक फर्म बनाएंगे जिसका उद्देश्य इंसान की लापरवाहियों से हो रहे नुकसान को रोकना था. ऐसा नाथन एंडरसन का दावा है.

लेकिन ये फर्म फाइनेंस और अकाउंटिंग की दुनिया में काम करने वाली थी. अपने मकसद को पूरा करने के लिए एंडरसन ने 2017 में एक फर्म बनाई. इस फर्म का नाम सबसे चौंकाने वाला था. एंडरसन ने इसका नाम दिया हिंडनबर्ग.

कंपनी ने अपनी वेबसाइट में दावा किया था, ‘हिंडनबर्ग हादसे की तर्ज पर ही हम शेयर बाजार में लोगों की मिलीभगत से हो रहे गोलमाल और गड़बड़ियों पर निगरानी रखते हैं. उनकी पोल खोलना और सच्चाई सामने लाना हमारा मकसद है.’ लेकिन इतिहास तो अपने अंदाज के लिए जाना जाता है. जैसा असामयिक अंत हिंडनबर्ग नाम के उस जहाज का हुआ था, वैसा ही असामयिक अंत हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म का हुआ.

दिनांक 15 जनवरी 2025 को हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म के मालिक नाथन एंडरसन ने एक ऐसा ऐलान किया जो दुनिया भर के वित्त समाचारों में सुर्खियां बन गया. एंडरसन ने कहा कि वे हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म को बंद करने जा रहे हैं. उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए एक लंबी चौड़ी चिट्ठी लिखी है. लेकिन क्यों, कोई दबाव या फिर स्वेच्छा से लिया गया निर्णय?

एंडरसन ने इन गंभीर सवालों कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया. गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म ने भारत के उद्योगपति अडानी ग्रुप की फाइनेंसियल मैनेजमेंट में कथित अनियमितताओं की ओर इशारा किया था इसके बाद भारत में तहलका मच गया था.

इसके अलावा उन्होंने भारत में शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI की चीफ माधबी पुरी बुच पर भी कुछ खुलासे किये थे. नाथन एंडरसन द्वारा अचानक लिया गया ये फैसला कई सवाल खड़े करता है.

नाथन एंडरसन का दावा भले ही लोगों को दुनिया की दिग्गज कंपनियों में चल रहे धोखाधड़ी से लोगों को सजग कराना हो, लेकिन हिंडनबर्ग फर्म शॉर्ट सेलिंग का भी काम करती थी. शॉर्ट सेलिंग शेयर बाजार से पैसा कमाने का शॉर्टकट तरीका है. इसमें ट्रेडर अपने ब्रोकर से शेयर उधार लेता है.

वह इस शेयर को एक तय टाइम के बाद कुछ ब्याज के साथ ब्रोकर को लौटाने का वादा करता है. बाद में उधार लिए गए शेयरों को शॉर्ट सेलर ऊंचे दाम पर बाजार में बेच देता है. वह उम्मीद करता है कि कुछ दिन बाद शेयर के दाम नीचे आएंगे और वह उन्हें दोबारा सस्ते दाम पर खरीदकर ब्रोकर को वापस कर देगा. इस दौरान वह कमाई का कुछ हिस्सा ब्रोकर को भी दे देगा. साथ ही सस्ते दाम पर खरीदे गए शेयर भी ब्रोकर को वापस कर देगा.

हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म के संस्थापक नेट एंडरसन ने अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. उन्होंने इंटरनेशनल बिजनेस की पढ़ाई की और करियर की शुरुआत फैक्ट-सेट रिसर्च सिस्टम नाम की एक डेटा कंपनी से की थी.

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