बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. इस बार उन्हें खुले तौर पर दुर्गा पूजा का त्योहार मनाने और किसी भी मूर्ति पूजा या विसर्जन में शामिल होने से माना किया जा रहा है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे-जैसे दुर्गा पूजा नजदीक आ रही है कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा पर्व न मानने को लेकर धमकी दी जा रही है. देश में इस्लामिक धार्मिक समूहों ने हिंदू त्योहार मनाने पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
बांग्लादेश में कई बोर्ड में स्थानीय भाषा में लिखा था- सड़कें बंद करके कहीं भी पूजा नहीं की जाएगी, मूर्ति विसर्जन से पानी प्रदूषित नहीं होगा, मूर्तियों की पूजा नहीं की जाएगी”. प्रदर्शनकारी समूह ने पर्यावरणीय को नुकसान, धार्मिक कामों के लिए सरकारी धन के इस्तेमाल का हवाला देते हुए 16-सूत्रीय मांगों की एक सूची पेश की है.
बांग्लादेशी मुसलमानों ने निकाली विरोध रैली
बांग्लादेशी मुसलमानों का कहना है कि हिंदुओं की आबादी केवल दो फीसदी होने के बावजूद दुर्गा पूजा को राष्ट्रीय अवकाश बना दिया गया था.
उन्होंने दावा किया कि त्योहार मुस्लिम बहुसंख्यकों के लिए परेशानी का कारण बना और यह भी कहा कि मुसलमानों को धार्मिक कारणों से ऐसे त्योहारों का समर्थन नहीं करना चाहिए. इसी संबंध में कई लोग सैकड़ों की संख्या में इस्लामिक समूह के लोग सड़कों पर उतर गए और हिंदू पर्व के खिलाफ नारे लगाने लगे. इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
पर्व मनाने के लिए हिंदुओं से मांग जा रहे पैसे
बांग्लादेश में कई जमीनों पर बनी मंदिरों को हटाने का आह्वान भी किया जा रहा है. एक अन्य मांग में सभी मंदिरों में हिंदू नागरिकों के लिए भारत विरोधी बैनर और नारे लगाने को कहा गया है ताकि वे बांग्लादेश के प्रति अपनी वफादारी और भारत विरोधी भावनाओं को साबित कर सकें. एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुओं को दुर्गा पूजा मनाने के लिए 5 लाख बांग्लादेशी टका देने को कहा जा रहा है.