भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में मालदीव सरकार ने कार्रवाई करते हुए तीन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड किए गए मंत्रियों में युवा मंत्रालय की उप मंत्री मरियम शिउना, महिला मंत्रालय की उप मंत्री मालशा शरीफ और सामाजिक मामलों के मंत्रालय के उप मंत्री महजूम माजिद शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
- मालदीव सरकार ने तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया है।
- मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
- मंत्रियों की टिप्पणियां भारत के साथ मालदीव के संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाली थीं।
विवाद
मरियम शिउना ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि मोदी इसराइल के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि लक्षद्वीप भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र है और मोदी इसे इसराइल के हाथों में सौंपना चाहते हैं।
मालशा शरीफ ने पीएम मोदी को “फासीवादी” करार दिया था। उन्होंने कहा था कि मोदी की सरकार मालदीव के लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है।
महजूम माजिद ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे को “एक नाटक” करार दिया था। उन्होंने कहा था कि मोदी लक्षद्वीप का इस्तेमाल अपने चुनावी प्रचार के लिए कर रहे हैं।
मालदीव में इन मंत्रियों की टिप्पणियों को लेकर काफी विवाद हुआ था। लोगों ने इन मंत्रियों की निंदा की थी और सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
मालदीव सरकार की कार्रवाई
मालदीव सरकार ने इन मंत्रियों की टिप्पणियों को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया है। सरकार ने कहा है कि इन मंत्रियों की टिप्पणियां भारत के साथ मालदीव के संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाली थीं।
मालदीव सरकार के प्रवक्ता इब्राहिम खलील ने कहा है कि सरकार इस तरह की टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं करती है। उन्होंने कहा है कि इन मंत्रियों की टिप्पणियां व्यक्तिगत हैं और मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
भारत के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद
मालदीव सरकार की इस कार्रवाई से भारत के साथ मालदीव के संबंधों में सुधार की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच हाल के वर्षों में संबंधों में कुछ खटास आई थी।
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भी मालदीव सरकार की कार्रवाई का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि यह कार्रवाई सही दिशा में एक कदम है।
मालदीव सरकार की इस कार्रवाई से भारत के साथ मालदीव के संबंधों में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, यह देखना होगा कि क्या यह कार्रवाई दोनों देशों के बीच संबंधों में आई खटास को पूरी तरह से दूर करने में सक्षम होगी।