मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के मंत्री मरियम शिउना ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने मोदी को “भारतीय साम्राज्यवाद का प्रतीक” कहा था। इस टिप्पणी से भारत में काफी आक्रोश फैल गया और भारत ने मालदीव के राजदूत को बुलाकर विरोध दर्ज कराया।
मालदीव की संसद ने विदेश मंत्री को समन भेजा
मालदीव की संसद ने भी इस टिप्पणी की निंदा की और विदेश मंत्री अब्दुलला शाहिद को माफी मंगवाने के लिए समन भेजा। शाहिद को 11 जनवरी को संसद में पेश होने के लिए कहा गया है। अगर वह माफी नहीं मांगते हैं, तो उन्हें संसद द्वारा निलंबित किया जा सकता है।
राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने मंत्री को किया सस्पेंड
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने भी इस टिप्पणी के लिए अपने मंत्री को सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वह भारत के साथ अच्छे संबंधों को महत्व देते हैं और इस तरह की टिप्पणियां दोनों देशों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
विपक्षी दलों ने की राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू की मांग
मालदीव के विपक्षी दलों ने भी इस टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू को इस्तीफा देना चाहिए।
भारत-मालदीव संबंधों पर पड़ सकता है असर
भारत के साथ संबंधों को लेकर मालदीव में यह बवाल इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ सकती है। भारत मालदीव को सुरक्षा सहायता प्रदान करता है और मालदीव में कई भारतीय कंपनियां निवेश करती हैं। अगर दोनों देशों के बीच संबंध खराब होते हैं, तो इससे दोनों देशों के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।
मालदीव के मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी ने भारत और मालदीव के बीच संबंधों में खटास पैदा कर दी है। दोनों देशों के बीच संबंधों को बचाने के लिए दोनों सरकारों को जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने की जरूरत है।