पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 18 साल की एक लड़की के साथ हुए गैंगरेप ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान विवादों में घिर गया है, जबकि पीड़िता के पिता ने इलाज के लिए बंगाल से बाहर जाने की मांग की है। ताजा अपडेट के अनुसार, पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है, और पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना 26 अगस्त 2025 को दुर्गापुर के बिद्हनगर इलाके में हुई, जब पीड़िता अपने दोस्त के साथ एक पार्क में घूम रही थी। चार युवकों ने उन पर हमला किया, पीड़िता को बेरहमी से गैंगरेप किया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा। पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी को 10-12 घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया और क्रूरता से प्रताड़ित किया गया।
ममता बनर्जी का बयान विवाद का केंद्र बना। 28 अगस्त को एक रैली में उन्होंने कहा, “लड़कियां रात में अकेले न निकलें, क्योंकि सुरक्षा का खतरा रहता है।” यह बयान सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का शिकार हो गया। विपक्ष ने इसे पीड़ित को दोष देने वाला बताया, जबकि ममता समर्थकों ने इसे सुरक्षा सलाह कहा। भाजपा ने ममता को “महिला विरोधी” करार दिया और इस्तीफे की मांग की।
पीड़िता के पिता ने 29 अगस्त को कहा, “मेरी बेटी का इलाज बंगाल से बाहर हो, क्योंकि यहां न्याय नहीं मिलेगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार दबाव बना रही है। 30 अगस्त को पीड़िता के परिवार ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सीबीआई जांच और इलाज के लिए दिल्ली या मुंबई भेजने की मांग की। हाईकोर्ट ने 2 सितंबर को सुनवाई की और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि पीड़िता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए।
ताजा अपडेट के अनुसार, 3 सितंबर 2025 को पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों—राहुल सिंह और विक्की कुमार—को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर POCSO एक्ट और गैंगरेप की धाराओं में केस दर्ज है। दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं। डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि जांच तेजी से चल रही है और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। पीड़िता को अब कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
यह घटना पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा, जबकि टीएमसी ने इसे “राजनीतिक साजिश” बताया। पीड़िता के परिवार को समर्थन के लिए कई संगठन आगे आए हैं।
