"पत्थर फेंके, कपड़े भी फाड़े...", मेरठ में अवंतीबाई लोधी की शोभायात्रा पर जिहादी झुंड का आतंक

“पत्थर फेंके, कपड़े भी फाड़े…”, मेरठ में अवंतीबाई लोधी की शोभायात्रा पर जिहादी झुंड का आतंक

खैरनगर से गुजर रही अवंतीबाई लोधी की शोभायात्रा में स्पीकर गिरने से मुस्लिम बालक के घायल होने पर सांप्रदायिक टकराव हो गया। मुस्लिमों ने शोभायात्रा में शामिल लोगों के साथ मारपीट करते हुए पथराव कर दिया। विरोध में दूसरी ओर से भी पथराव किया गया।

वीरांगना अवंती बाई लोधी के जन्मदिवस पर शुक्रवार को लोधी युवा संगठन ने विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया। शोभायात्रा शिवशक्ति नगर स्थित दुर्जन सिंह लोधी मंदिर से शुरू हुई। शोभायात्रा इंदिरा नगर, ब्रह्मपुरी, लोधों का पुल, ईश्वर पुरी, कबाड़ी बाजार और वैली बाजार से होते हुए रात करीब 10 बजे खैरनगर पहुंची।

यात्रा में शामिल म्यूजिक सिस्टम का एक स्पीकर शाद पुत्र शाकिर निवासी खैरनगर धोबी का छत्ता के ऊपर गिरने से वह घायल हो गया। इससे मुस्लिम आक्रोशित हो गए।

आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शोभायात्रा में पथराव कर दिया। दूसरी ओर से भी पथराव किया गया। सांप्रदायिक टकराव की सूचना पर एसपी आयुष विक्रम सिंह कई थानों की पुलिस के साथ पहुंच गए। पुलिस ने खैरनगर सहित घंटाघर के बाजार बंद करा दिए। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में शोभायात्रा संपन्न कराने के बाद अतिथियों का सम्मान कराया। तनाव के चलते खैरनगर में पुलिस बल तैनात किया गया है।

सांप्रदायिक टकराव के पीछे पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। संवेदशील क्षेत्र खैरनगर में भी शोभायात्रा के साथ पुलिस बल मौजूद नहीं था। सीओ कोतवाली आशुतोष अवकाश पर हैं। उसके सर्किल का कार्य देख रहे सीओ ब्रह्मपुरी प्रमोद कुमार को शोभायात्रा की जानकारी नहीं थी।

शोभायात्रा बिना पुलिस सुरक्षा के ही निकाली जा रही थी। एसएसपी विपिन ताडा का कहना है कि इस मामले में जांच कराई जाएगी। स्थिति सामान्य है। पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

जनरेटर की चाबी निकालने पर हुआ विवाद

मौके पर पहुंचे भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा ने दावा किया कि शोभायात्रा का आखिरी डोला जब आ रहा था तो अचानक उसका जेनरेटर खराब हो गया था। लोधी समाज के युवक जब जेनरेटर ठीक करने लगे तो मुस्लिमों ने जेनरेटर की चाबी निकाल ली।

विरोध करने पर मुस्लिमों ने लोगों से मारपीट करते हुए उनके कपड़े फाड़ दिए और पथराव किया। ऐसा करने वालों पर रासुका लगना चाहिए। यह शोभायात्रा वर्ष 2006 से लगातार निकल रही है। यात्रा की प्रशासन से अनुमति ली हुई थी। इसके बावजूद पुलिस सुरक्षा नहीं थी। टकराव के बाद पुलिस पहुंची।

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