गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में 4 अक्टूबर 2024 को एक बड़ी घटना सामने आई, जहां मुस्लिम समुदाय की भीड़ मंदिर के पास जुट गई। आरोप लगाया गया कि भीड़ मंदिर में घुसने और उन्मादी नारे लगाने की कोशिश कर रही थी। इस दौरान पुलिस ने मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। इस घटना के बाद हिंदू समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की।
मोहम्मद जुबैर, जो ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक हैं, को इस घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, लेकिन लोग राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो 13 अक्टूबर को एक महापंचायत आयोजित करने की चेतावनी दी गई है।
भाजपा नेत्री डॉ. उदिता त्यागी ने खुद को इस घटना की चश्मदीद और पीड़ित बताया है। उन्होंने गाजियाबाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यह हमला एक सोची-समझी साजिश थी और इसके पीछे मोहम्मद जुबैर, असदुद्दीन ओवैसी और अरशद मदनी का हाथ है।
डॉ. उदिता का दावा है कि इस हमले का असली मकसद यति नरसिंहानंद गिरी की हत्या करना था। उन्होंने पुलिस पर भी सवाल उठाए, आरोप लगाया कि 5 अक्टूबर को यति नरसिंहानंद को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था।
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद के कवि नगर थाने में केस दर्ज हो चुका है। डॉ. उदिता का कहना है कि अगर हमलावरों पर NSA के तहत कार्रवाई नहीं की गई, तो 13 अक्टूबर को महापंचायत आयोजित की जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जुबैर ने हिंदूवादी नेताओं की एक सूची बनाई है, जिन्हें कट्टरपंथियों से खतरा है, और उन्हें जान से मारने की धमकियां मिली हैं।
हिंदू रक्षा दल ने भी यति नरसिंहानंद की रिहाई की माँग करते हुए ज्ञापन सौंपा है और इस मामले में कठोर कार्रवाई की माँग की है।