'हम अभी भी दर्द में हैं’, 7 अक्टूबर की बरसी पर इज़राइल ने खाई हमास को खत्म करने की कसम, हिज़बुल्लाह का भी करेगी सफाया

‘हम अभी भी दर्द में हैं’, 7 अक्टूबर की बरसी पर इज़राइल ने खाई हमास को खत्म करने की कसम, हिज़बुल्लाह का भी करेगी सफाया

7 अक्टूबर… इजरायल के इतिहास में दर्ज वो स्याह पन्ने, जिन्हें इजरायली नागरिक शायद ही कभी भूल पायेंगे। आज से ठीक एक साल पहले इसी दिन हमास के क्रूर लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर 1200 इजरायली नागरिकों को निर्दयता के साथ मार डाला था।

कत्लेआम मचाने के बाद हमास 250 से ज्यादा लोगों को किडनैप कर अपने साथ ले गया था, जिनमें से 101 अब भी हमास की कैद में हैं। इस बीच कई बड़े घटनाक्रम हुए। कुछ बंधकों को छोड़ा गया तो कई मार दिये गये। यह हमला न केवल इज़रायल के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी था कि आतंकवाद का खतरा कितना गंभीर है। खास तौर पर इस्लामी आतंकवादी।

विपरीत हालात में संघर्ष

हमले के बाद, इज़रायली समाज ने अपनी सुरक्षा को लेकर फिर से सोचने पर मजबूर हुआ। हमले में बचे लोगों ने उस दिन के दर्दनाक क्षणों को याद करते हुए कहा कि वे आज भी मानसिक तनाव और डर का सामना कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि उनका जीवन कभी भी सामान्य नहीं हो सकेगा। सड़कों पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी और हर जगह सुरक्षा की जांच ने लोगों को एक अजीब सी असुरक्षा की भावना दी है।

बचे लोगों की कहानियाँ

हमले के बाद, कई बचे हुए लोगों ने अपनी कहानियाँ साझा कीं। उनमें से ज़िव अबूद नाम के महिला ने बताया कि कैसे वह एक संगीत महोत्सव में भाग ले रही थी जब आतंकवादी उन पर हमला कर रहे थे। उसने अपने जीवन को बचाने के लिए शरण में भागने की कोशिश की, लेकिन वहां उसके साथ क्या हुआ, यह एक भयानक याद बन गई है। वह अपने लापता पति की वापसी के लिए संघर्ष कर रही है और अपने दर्द को साझा करने के लिए दुनिया भर में यात्रा कर रही है।

समाज पर प्रभाव

इस हमले ने इज़रायल के समाज पर गहरा प्रभाव डाला है। कई परिवार अब भी अपने प्रियजनों के लापता होने के कारण दुखी हैं। यह स्थिति न केवल उन परिवारों के लिए बल्कि समाज के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। लोग सामूहिक रूप से इस दर्द को सहने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसे भुलाना आसान नहीं है।

हमास और हिज़बुल्लाह का अस्तित्व मिटाने की इजरायल ने खाई कसम

7 अक्टूबर की बरसी पर इज़राइल ने एक बार फिर हमास और हिज़बुल्लाह के खिलाफ अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया। इज़राइली डिफेंस फोर्स (IDF) के चीफ ने कहा, “हम अभी भी दर्द में हैं,” और यह दर्द ही उनके देश की लड़ाई को जारी रखने की प्रेरणा है।

एक साल पहले, हमास के क्रूर हमले में 1200 से अधिक इज़राइली नागरिक मारे गए थे, जिससे पूरा देश शोक में डूब गया था। इस हमले की पहली बरसी पर, इज़राइल ने हमास को पूरी तरह खत्म करने की कसम खाई और साथ ही हिज़बुल्लाह को भी समाप्त करने की योजना बनाई है, जो उत्तर में इज़राइल के लिए लगातार खतरा बना हुआ है।

इज़राइली सेना ने पिछले एक साल में गाजा और लेबनान दोनों मोर्चों पर बड़ी कार्रवाइयाँ की हैं और आने वाले दिनों में यह अभियान और तेज़ होगा। इज़राइल का यह संदेश स्पष्ट है—आतंकवाद को सहन नहीं किया जाएगा।

नागरिकों की रक्षा करने में विफल

इजराइल डिफेंस फोर्स के जनरल स्टाफ के प्रमुख एलटीजी हर्जी हलेवी ने सैनिकों को लिखे एक मैसेज में कहा कि पिछले एक साल से हम युद्ध के बीच में हैं, जिसमें कई उपलब्धियां हैं, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं.

हलेवी ने कहा कि 7 अक्टूबर को एक साल बीत चुका है. इस दिन हम इजराइल राज्य के नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहे थे, जिसका अफसोस हमें हमेशा रहेगा. हम सभी अभी दर्द में हैं. उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर न केवल याद करने का, बल्कि आत्मनिरीक्षण का भी दिन है.

आतंकवादियों के खिलाफ जंग जारी

उन्होंने कहा कि एक साल बीत चुका है और हमने हमास की सैन्य शाखा को हरा दिया है, लेकिन हम संगठन की आतंकवादी क्षमताओं के खिलाफ लड़ना जारी रख रहे हैं. वहीं हिजबुल्लाह को बड़ा झटका लगा है, जिसने अपने सभी वरिष्ठ नेतृत्व को खो दिया है. लेकिन हम रुक नहीं रहे हैं, हम लड़ते हैं, सीखते हैं और सुधार करते हैं.

फिर दोहराया न जा सके नरसंहार

हलेवी ने कहा कि हम सभी मोर्चों पर आक्रामक, सामरिक और सक्रिय दृष्टिकोण अपना रहे हैं. साथ ही हम अपने दुश्मनों की क्षमताओं को नष्ट कर रहे हैं. इसके साथ ही हम यह सुनिश्चित भी करेंगे कि इन क्षमताओं का पुनर्निर्माण न किया जाए, ताकि 7 अक्टूबर जैसा नरसंहार फिर दोहराया न जा सके.

हर साल, 7 अक्टूबर को, इज़रायल के लोग इस हमले के पीड़ितों की याद में विशेष समारोह आयोजित करते हैं। शोक सभा, मौन प्रार्थनाएं और सामूहिक रैलियाँ इस दिन की विशेषता होती हैं। यह केवल पीड़ितों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए एक अवसर होता है जो आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होते हैं।

इस हमले की पहली बरसी पर, इज़रायल के लोग अपने साथियों के प्रति एकता और सहानुभूति दिखाते हैं। वे सभी जानते हैं कि आतंकवाद से निपटना केवल एक सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज के हर सदस्य की जिम्मेदारी है। हमें यह याद रखना चाहिए कि इस तरह के हमले केवल शारीरिक नुकसान नहीं पहुँचाते, बल्कि मानसिक और सामाजिक तनाव का कारण बनते हैं।

इजरायल कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है युद्ध

हमास द्वारा 7 अक्टूबर, 2024 को किए गए हमले की पहली बरसी आने तक इजरायल कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है। अब उसका फोकस गाजा से लेबनान में शिफ्ट हो गया है। लेबनान के अलग-अलग हिस्सों में हिज्बुल्लाह को निशाना बनाते हुए इजरायली सेना की जमीनी कार्रवाई और वायुसेना के हवाई हमले जारी हैं।

इजरायली कार्रवाई शुरू होने के बाद से अब तक लेबनान में 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें आधे से ज्यादा ​हिज्बुल्लाह के लड़ाके हैं। बेरूत में जमीनी कार्रवाई के दौरान हिज्बुल्लाह के साथ सीधी मुठभेड़ में इजरायल के भी कुछ सैनिक शहीद हुए हैं। पिछले 1 साल में 45000 से अधिक मौतों के बावजूद ऐसा लगता नहीं कि क्षेत्र में हिंसा का यह दौर कभी खत्म होने वाला है।

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