अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर पिछले दिनों हुए जानलेवा हमले को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनियाभर के नेताओं ने निंदा की थी। ट्रंप पर हुए एक हमले के बाद बीजेपी ने प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा और उनके उपर की गई आक्रामक टिप्पणियों का मुद्दा उठाया है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि राजनीति में ‘हिंसा’ और ‘हत्या’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल बंद होना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के साथ में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। त्रिवेदी ने विश्व के नेताओं के उपर हुए हालिया हमलों का हवाला देते हुए कहा कि विपक्ष को प्रधानमंत्री के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के लेख का दिया हवाला
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि, ‘आज देश के एक अंग्रेजी अखबार में एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने लेख लिखा है। लेख में उन्होंने सुरक्षा से जुड़ी वर्तमान वैश्विक गतिविधियों और उनके भारत पर पड़ने वाले प्रभाव की ओर ध्यान खींचा है।”
पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या हुई थी
उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि एक-डेढ़ साल पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की एक राजनीतिक कार्यक्रम में हत्या कर दी गई थी। कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हत्या का प्रयास किया गया था, जिसमें वह बाल-बाल बचे थे।”
राजनीतिक दल राजनीतिक फायदे के लिए करते हैं शब्दों का इस्तेमाल
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “उन्होंने (सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी) कहा कि हिंसा और हत्या को भड़काने वाली ऐसी प्रवृत्तियां ऐसे बयानों से प्रेरित होती हैं, जिसमें राजनीतिक दल अल्पकालिक राजनीतिक फायदे के लिए ‘हिंसा’ और ‘हत्या’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय है कि हिंसा के लिए उकसाने वाले ऐसे शब्द और भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किया जा रहा है।”
परिपक्वता दिखाएं राहुल गांधी- सुधांशु
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कई बार प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। अगर आप लोकसभा में विपक्ष के नेता बन गए हैं, तो थोड़ी परिपक्वता दिखाएं। इसलिए, मैं सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करना चाहूंगा कि हिंसा, हत्या, ‘किसी के प्रति आक्रमण’, मारना-पीटना और कब्र खुदेगी जैसे शब्दों का इस्तेमाल बंद होना चाहिए।’