कश्मीर पर नेहरू की 2 गलतियां पड़ी भारी, नहीं तो PoK हमारा होता

कश्मीर पर नेहरू की 2 गलतियां पड़ी भारी, नहीं तो PoK हमारा होता

कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक विवादित क्षेत्र है। आजादी के बाद से ही इस क्षेत्र पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। कश्मीर की समस्या को लेकर कई बार युद्ध भी हुए हैं। इस समस्या का एक प्रमुख कारण है पाकिस्तान का कब्जा वाला कश्मीर (PoK)।

कश्मीर पर पाकिस्तान का कब्जा कैसे हुआ, इस पर अलग-अलग मत हैं। कुछ लोगों का मानना है कि पाकिस्तान ने सीधे तौर पर कश्मीर पर आक्रमण करके उसे अपने कब्जे में ले लिया। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि पाकिस्तान ने कश्मीर के लोगों को भड़काकर उन्हें विद्रोह करने के लिए उकसाया।

कश्मीर पर पाकिस्तान के कब्जे के लिए जवाहरलाल नेहरू की जिम्मेदारी बताने वालों का तर्क है कि नेहरू ने कुछ गलतियाँ कीं, जिनसे पाकिस्तान को कश्मीर पर कब्जा करने का मौका मिला। इन गलतियों में से दो प्रमुख गलतियाँ हैं:

  • पहली गलती: जल्दबाजी में सीजफायर

आजादी के बाद से ही कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था। भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना को हराकर कश्मीर के अधिकांश हिस्सों पर कब्जा करने में सफल हो गई थी। इस दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को पंजाब के सीमा तक खदेड़ दिया था।

इस स्थिति में कश्मीर पर भारत की जीत तय लग रही थी। लेकिन, नेहरू ने जल्दबाजी में सीजफायर कर दिया। इस सीजफायर के कारण पाकिस्तानी सेना को कश्मीर के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने का मौका मिला। इन हिस्सों में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) भी शामिल है।

  • दूसरी गलती: संयुक्त राष्ट्र में जाना

नेहरू ने कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में भी गया। संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को भारत ने खारिज कर दिया। लेकिन, पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

इस प्रस्ताव के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर के कब्जे वाले हिस्सों को अपना हिस्सा घोषित कर दिया। इस प्रकार, पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) अस्तित्व में आया।

कांग्रेस का जवाब: शाह की बातें बेबुनियाद

कश्मीर पर नेहरू की गलतियों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने कहा है कि शाह की बातें बेबुनियाद हैं। कांग्रेस ने कहा है कि कश्मीर पर पाकिस्तान का कब्जा नेहरू की गलतियों के कारण नहीं हुआ, बल्कि पाकिस्तान की साजिश के कारण हुआ।

कांग्रेस ने कहा है कि नेहरू ने कश्मीर पर भारत की संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। नेहरू ने कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार देने का भी प्रस्ताव रखा था। लेकिन, पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

क्या PoK भारत का हिस्सा हो सकता है?

कश्मीर पर पाकिस्तान का कब्जा एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है। इस समस्या का कोई आसान समाधान नहीं है।

कुछ लोगों का मानना है कि PoK को भारत में वापस मिलाना चाहिए। लेकिन, यह एक कठिन कार्य है। इसके लिए दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण समझौता होना चाहिए।

क्या नेहरू की गलतियों से PoK बना?

जवाहरलाल नेहरू की गलतियों के कारण पाकिस्तान का कब्जा वाला कश्मीर (PoK) बना, यह एक विवादित मुद्दा है। कुछ लोगों का मानना है कि नेहरू की गलतियों से PoK का जन्म हुआ, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह पाकिस्तान की साजिश का परिणाम था।

नेहरू की गलतियों में से एक जल्दबाजी में सीजफायर करना था। इस सीजफायर के कारण पाकिस्तानी सेना को कश्मीर के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने का मौका मिला। इन हिस्सों में PoK भी शामिल है।

दूसरी गलती संयुक्त राष्ट्र में जाना थी। संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को भारत ने खारिज कर दिया। लेकिन, पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

इस प्रस्ताव के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर के कब्जे वाले हिस्सों को अपना हिस्सा घोषित कर दिया। इस प्रकार, PoK अस्तित्व में आया।

नेहरू की इन गलतियों से यह स्पष्ट होता है कि इनसे पाकिस्तान का कब्जा वाला कश्मीर (PoK) बनने में मदद मिली। लेकिन, यह कहना कि इन गलतियों के कारण ही PoK बना, यह सही नहीं होगा।

पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए कई हथकंडे अपनाए थे। उसने कश्मीर के लोगों को भड़काकर विद्रोह करने के लिए उकसाया। उसने कश्मीर पर सैन्य आक्रमण भी किया।

इन सभी कारकों ने मिलकर पाकिस्तान का कब्जा वाला कश्मीर (PoK) बनाने में भूमिका निभाई।

क्या PoK भारत का हिस्सा हो सकता है?

PoK को भारत में वापस मिलाना एक लंबी और कठिन प्रक्रिया होगी। इसके लिए दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण समझौता होना चाहिए।

इस समझौते में दोनों देशों को कुछ महत्वपूर्ण बातों पर सहमत होना होगा। इनमें कश्मीर की सीमा, कश्मीर के लोगों की सुरक्षा और कश्मीर के आर्थिक विकास शामिल हैं।

अगर दोनों देशों के बीच समझौता हो जाता है, तो PoK को भारत में वापस मिलाना संभव हो सकता है।

निष्कर्ष:

कश्मीर पर पाकिस्तान का कब्जा एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है। इस समस्या का कोई आसान समाधान नहीं है।

नेहरू की गलतियों ने इस समस्या को और जटिल बना दिया। लेकिन, यह कहना कि इन गलतियों के कारण ही PoK बना, यह सही नहीं होगा।

PoK को भारत में वापस मिलाना एक लंबी और कठिन प्रक्रिया होगी। इसके लिए दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण समझौता होना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top