केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी: सीएम योगी आदित्यनाथ

केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी: सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को त्रिपुरा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म भी आपकी रक्षा करेगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि त्रिपुरा में डबल इंजन की सरकार है, जो डबल स्पीड से सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है। हम सबके सामने धार्मिक क्षेत्र में हो रही प्रगति उल्लेखनीय हैं। योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश का नाम लिए बगैर कहा कि बगल में आपके हजारों किलोमीटर की सीमा के पार जो हमारे बंधुगण रह रहे हैं, उनकी क्या स्थिति है, ये आपसे छिपी हुई नहीं है।

सीएम योगी ने आगे कहा कि हम सबको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि अगर आप धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म आपकी रक्षा करेगा। लेकिन अगर आप अपने स्वार्थ के लिए धर्म का बलिदान करेंगे, तो वह धर्म भी आपके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करेगा। हमारी सनातन मान्यता रही है- ‘यतो धर्मस्ततो जय:’, यही हम सबकी शिक्षा है। हम सब ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के रूप में देश को मजबूत करने के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प और सामर्थ्य हम सबको एक नई यात्रा पर आगे बढ़ा रहा है।

सीएम योगी ने आगे कहा कि हम यह भी जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की स्मृति जब हम सबके सामने आती है, तो उनके एक हाथ में मुरली है, तो दूसरे हाथ में सुदर्शन है। केवल मुरली से काम नहीं चलेगा, बल्कि रक्षा के लिए सुदर्शन भी आवश्यक है। सुदर्शन जब आपके पास होगा तो फिर किसी को बलिदान नहीं देना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि 1947 के पहले कौन लोग थे, जो भारत के दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के लिए जिम्मेदार थे। उन लोगों के बारे में सही जानकारी देने की आवश्यकता है। याद रखना,1905 में अंग्रेजों की जो बंग-भंग की साजिश थी, उस समय के समाज ने उसे विफल किया था, ऐसे ही मुस्लिम लीग की साजिशों को विफल करने के लिए उस समय का कांग्रेस नेतृत्व और जोगेंद्र नाथ मंडल ने मिलकर पानी फेरने का काम करते तो कभी भी पाकिस्तान जैसा नासूर नहीं बनता है। पाकिस्तान एक नासूर है। जब तक इसका ऑपरेशन नहीं होगा। तब तक इस कैंसर की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) इस बात को जानता था कि अगर हम कांग्रेस के साथ संधि कर देंगे तो वे देश को विभाजित कर देंगे, हिंदुओं का नरसंहार करेंगे और हमारे देश की परंपराओं को नष्ट कर देंगे। कांग्रेस ने अपनी सत्ता के लिए देश का विभाजन स्वीकार किया।

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