इतिहास और धर्म से गहरा नाता जोड़ने वाली एक यात्रा आज गुजरात के द्वारका में पूरी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदियों से समुद्र में समाए भगवान कृष्ण के नगर द्वारका के अवशेषों को देखकर न सिर्फ इतिहास को स्पर्श किया बल्कि एक दशक पुराने सपने को भी साकार किया।
स्कूबा डाइविंग में छुआ इतिहास:
अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने एक विशेष स्कूबा डाइविंग कर समुद्र की गहराई में उतरकर भगवान कृष्ण की नगरी के अवशेषों को देखा। करीब 20 मीटर की गहराई तक जाकर उन्होंने वहां मौजूद प्राचीन संरचनाओं, मूर्तियों और बर्तनों को निहारा। इस अनोखे अनुभव के बारे में पीएम मोदी ने कहा, “यह मेरे लिए किसी भावुक सपने के साकार होने जैसा है। भगवान कृष्ण के चरणों को छूने और उनसे सीधे जुड़ने का अवसर पाना मेरे लिए बेहद सौभाग्य की बात है।”
दशकों का सपना हुआ पूरा:
पीएम मोदी ने साझा किया कि द्वारका के अवशेषों को देखने की इच्छा उनके मन में कई सालों से थी। आज उसे पूरा करने के बाद उन्होंने कहा, “यह किसी दशक पुराने सपने के सच होने जैसा है। आज मैं न सिर्फ एक प्रधानमंत्री के रूप में यहां आया हूं, बल्कि एक कृष्ण भक्त के रूप में भी आया हूं। उनके प्रति श्रद्धा अर्पित करना और उनके महान नगर को देख पाना मेरे लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है।”
द्वारका: संस्कृति और विरासत का प्रतीक:
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने द्वारका के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “द्वारका सिर्फ एक नगर नहीं है, बल्कि यह हमारी सनातन संस्कृति और विरासत का एक अमूल्य प्रतीक है। यह हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और हमारे इतिहास की गौरव गाथा को सुनाता है।”
पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकास:
पीएम मोदी ने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि द्वारका नगरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें इस प्राचीन नगर की कहानी को दुनिया के सामने लाना है। लोगों को यह अवसर देना है कि वे इस महान नगरी के इतिहास और संस्कृति को करीब से समझ सकें। इससे भारत की समृद्ध विरासत को भी विश्व पटल पर एक नया स्थान मिलेगा।”
भारत की समृद्धि का प्रमाण:
अपने दौरे के अंत में पीएम मोदी ने कहा, “द्वारका सिर्फ एक नगर नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्धि और वैभव का एक जीवंत प्रमाण है। यह हमें बताता है कि हमारी संस्कृति कितनी गहरी और हमारी जड़ें कितनी मजबूत हैं। इस महान नगर को देखकर हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए।”
प्रशंसा और महत्व:
पीएम मोदी के इस दौरे को देशभर में काफी सराहा जा रहा है। लोगों का मानना है कि इससे द्वारका नगरी को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने में मदद मिलेगी। साथ ही यह भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को दुनिया के सामने लाने का भी एक शानदार प्रयास है। यह दौरा न केवल इतिहास को सम्मानित करता है बल्कि भविष्य में भारत की पर्यटन क्षमता को भी बढ़ावा देगा।