’10 साल में पहली बार सेशन से पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं फूटी…’, पीएम नरेंद्र मोदी का विपक्ष पर तंज

बजट सत्र से पहले संसद के बाहर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 2014 के बाद शायह यह पहला सत्र है जब बजट सत्र के पहले कोई विदेशी चिंगारी देश में नहीं देखने को मिल रही है.

पीएम मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “आपने देखा होगा, शायद 2014 से लेकर अब तक यह पहला संसद सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले कोई ‘विदेशी चिंगारी’ (विदेशी हस्तक्षेप) नहीं देखी गई, जिसमें किसी विदेशी ताकत ने आग लगाने की कोशिश नहीं की. मैंने हर बजट सत्र से पहले यह देखा था और हमारे देश में कई लोग इन चिंगारियों को हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ते…” पीएम मोदी ने कहा कि वे 2014 से देखते आ रहे हैं कि हर सत्र के पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठे रहते थे और यहां हवा देने वालों की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि ये पहला सत्र वे पिछले 10 साल के बाद देख रहे हैं जब किसी भी विदेशी कोने से कोई चिंगारी नहीं उठी है.”

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार पीएम मोदी ने अपनी इस अहम टिप्पणी में सत्र से पहले विदेश से पहले उठाये जाने वाले वैसे मामलों की ओर देश का ध्यान खींचा है जो सत्र के पहले एजेंडे के तहत उठाए जाते हैं और फिर विपक्ष इन मुद्दों को लेकर पूरे सत्र में हंगामा करता रहता है.

जॉर्ज सोरोस का लिंक

बता दें कि इससे पहले शीतकालीन सत्र में अरबपति जॉर्ज सोरोस और उसके एनजीओ द ओपन सोसायटी फाउंडेशन से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के संबंधों का मुद्दा बीजेपी ने उठाया था. 8 दिसंबर 2024 और उसके बाद के दिनों में ये मुद्दा संसद में छाया रहा. बीजेपी ने सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि वह उस संगठन से जुड़ी हैं जिसे जॉर्ज सोरोस की संस्था द्वारा फंड किया जाता है. कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया था.

हिंडनबर्ग के खुलासे

गौरतलब है कि जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्ट शेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर कुछ खुलासे किये थे. इससे पूरे सत्र में हंगामा हुआ था.

पेगासस लिंक से हंगामा

भारत को लेकर एक और खुलासा पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल को लेकर जुलाई 2021 में हुआ था. यह खुलासा एक अंतर्राष्ट्रीय जांच का हिस्सा था. इस जांच में द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट, द गार्जियन, और ली मोन्ड जैसे अखबार शामिल थे.

पेगासस एक स्पाइवेयर है जो इजरायल की साइबर सुरक्षा कंपनी NSO ग्रुप द्वारा विकसित किया गया है. यह सॉफ्टवेयर मोबाइल उपकरणों को हैक करने में सक्षम है. भारत को लेकर किये गए खुलासे के अनुसार भारत सरकार ने 2017 में पेगासस स्पाइवेयर को खरीदा था. इस खुलासे में आरोप लगाया गया था कि इसका इस्तेमाल कई पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनीतिक विरोधियों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों को टारगेट करने के लिए किया गया. इस मुद्दे पर संसद में खूब हंगामा हुआ था.

 

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