अपहरण, दबाव और पैसे के बल पर पोर्श कांड की थ्योरी बदलने की साजिश... ड्राइवर के बरामद हुए फोन से अब खुलेंगे कई राज

अपहरण, दबाव और पैसे के बल पर पोर्श कांड की थ्योरी बदलने की साजिश… ड्राइवर के बरामद हुए फोन से अब खुलेंगे कई राज

पुणे पोर्शे कांड की गुत्थी उलझती जा रही है. पुणे हिट एंड रन केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. अब तक इस कांड में विधायक का नाम आया था. अब विधायक के फोन पर 45 मिस्ड कॉल से रहस्य और गहरा गया है. ऐसा लग रहा है कि पुणे पोर्शे कांड में पैसा और राजनीतिक पावर का खूब यूज हुआ है.

ये सब कुछ हुआ है दो इंजीनियरों के कातिल रईसजादे को बचाने के लिए. पुणे पोर्शे कांड में स्थानीय विधायक सुनील टिंगरे का नाम सामने आया है. पुणे पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 19 मई की रात को आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल ने विधायक को दर्जनों बार कॉल किया था. पुलिस के मुताबिक, स्थानीय विधायक टिंगरे को आरोपी के पिता विशाल से 45 मिस्ड कॉल मिले.

स्थानीय विधायक सुनील टिंगरे और विशाल अग्रवाल के बीच कुछ तो कनेक्शन है. अब पुलिस को शक है कि केवल विशाल अग्रवाल से ही नहीं, विधायक सुनील टिंगरे का ससून अस्पताल के डॉ. अजय तावड़े से भी कनेक्शन है. डॉ अजय तावड़े को ब्लड सैंपल चेंज करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

एक्सीडेंट के बाद विधायक टिंगरे सुबह 6 बजे तक यरवदा पुलिस स्टेशन में मौजूद थे. हालांकि, उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश से इनकार किया है. अब उनकी पार्टी ने भी उनसे इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. बता दें कि 19 मई को शराब के नशे में आरोपी ने पोर्शे कार से मोटरसाइकल को रौंद दिया था. इससे दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी.

क्यों आए थे 45 मिस्ड कॉल?

एक पुलिस सूत्र ने न्यूज18 को बताया कि विधायक टिंगरे को आरोपी के पिता के फोन से 19 मई की रात 2.30 बजे से 3.45 बजे के बीच 45 मिस्ड कॉल आए. हालांकि, उन्होंने एक भी कॉल का जवाब नहीं दिया, क्योंकि वे सो रहे थे. हालांकि, सूत्र ने बताया कि बाद में जब विधायक ने कॉल का जवाब नहीं दिया, तो विशाल अग्रवाल उन्हें लेने उनके घर पहुंचे. हालांकि, अभी तक इन 45 मिस्ड कॉल का रहस्य नहीं सुलझा है.

आरोपी का पिता विशाल आखिर किस चीज के लिए इतना बेचैन था कि उसने सवा घंटे के भीतर ही 45 बार कॉल कर दिया. 20 मई को लिखे गए टिंगरे के पत्र से यह भी पता चलता है कि वे सुबह 6 बजे तक वहां थे. उन्होंने कहा कि जब उन्हें दो आईटी पेशेवरों की मौत के बारे में पता चला और उन्होंने पुलिस से कानून के अनुसार कार्रवाई करने को कहा. मगर अब यह बात सामने आई है कि वे ससून अस्पताल के गिरफ्तार डॉक्टरों में से एक से भी जुड़े हुए हैं.

विधायक का तावड़े से क्या कनेक्शन?

सूत्र ने आगे बताया कि विधायक ने ही डॉ. तावड़े के लिए सिफारिश की थी. यह जानते हुए कि तावड़े का इतिहास संदिग्ध रहा है, उन्होंने पुणे के इस अस्पताल में चीफ पद के लिए तावड़े का नाम आगे बढ़ाया था. फिलहाल, महाराष्ट्र सरकार ने सबूतों से छेड़छाड़ करने वाले अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है.

यही वजह है कि अब तक अस्पताल के दो डॉक्टर और एक स्टाफ नप चुके हैं. इस बीच गिरफ्तार हो चुके डॉ. तावड़े ने दावा किया है कि आरोपी नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने के लिए विधायक टिंगरे ने ही उन्हें बुलाया था. बता दें कि विधायक टिंगरे एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता हैं.

आरोपी की मां से भी पूछताछ

वहीं, एनसीपी (अजित पवार) के शीर्ष सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि विधायक टिंगरे से मीडिया के सामने अपना रुख स्पष्ट करने को कहा गया है. मामले में उनका नाम बार-बार सामने आने के बाद पार्टी सूत्रों ने कहा कि उन्हें नए सबूतों के बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. माना जा रहा है कि विधायक टिंगरे आज कल में पुणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं. पुलिस ने आरोप लगाया है कि मामले में आरोपी के परिवार ने पर्दा डालने की कोशिश की.

सबसे पहले तावड़े के कहने पर आरोपी के ब्लड सैंपल को कूड़ेदान में फेंका गया और अन्य शख्स का सैंपल लिया गया. इस केस में आरोपी, आरोपी के पिता और दादा सभी गिरफ्तार हो चुके हैं. दादा पर ड्राइव को कैद रखकर दबाव डालने का आरोप है. अब इस केस में विशाल अग्रवाल की पत्नी शिवानी से भी पूछताछ होगी. शिवानी पर डॉक्टरों को धमकाने का आरोप है.

कौन है वो?

वहीं, पुणे क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी डॉ. तावड़े ने एक स्थानीय जनप्रतिनिधि का नाम लिया है. उसने बताया है कि इसी जनप्रतिनिधि के कहने पर उसने ब्लड सैंपल को चेंज करवाया. जनप्रतिनिधि ने फोन करके ब्लड सैंपल चेंज कराने और नाबालिग आरोपी की मदद करने को कहा था.

इस खुलासे के बाद यह जनप्रतिनिधि पुणे क्राइम ब्रांच के रडार पर है. अब सवाल उठता है कि क्या यह जनप्रतिनिधि विधायक ही है? या फिर विधायक से भी अलग कोई जनप्रतिनिधि है? पुलिस अब इस गुत्थी को भी सुलझाने में जुट गई है

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