मुंबई में जमा हो गए लाखों मुस्लिम कट्टरपंथी: लगाए ‘सर तन से जुदा’ के नारे, रामगिरी महाराज के बयान के खिलाफ AIMIM ने उकसाया

मुंबई में जमा हो गए लाखों मुस्लिम कट्टरपंथी: लगाए ‘सर तन से जुदा’ के नारे, रामगिरी महाराज के बयान के खिलाफ AIMIM ने उकसाया

हाल ही में मुंबई में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जमा हुए, जहाँ AIMIM के नेतृत्व में ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए। यह विरोध प्रदर्शन स्वामी रामगिरी महाराज के उस बयान के खिलाफ आयोजित किया गया था, जिसे उन्होंने एक सभा के दौरान कहा था। इस विरोध में AIMIM नेता वारिस पठान ने अहम भूमिका निभाई, जिससे प्रदर्शनकारियों को और उकसाया गया।

सोशल मीडिया पर इस घटना के कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें भारी भीड़ दिखाई दे रही है। ये भीड़ मुंबई की सड़कों पर हरे झंडे लहराते हुए हजारों गाड़ियों के साथ देखी गई, जो कि धार्मिक भावना को उकसाने का संकेत देती है।

रिपोर्टों के अनुसार, इस रैली में हजारों लोग शामिल थे, जिनमें कई मौलवी भी मौजूद थे। एक मौलवी, जिसका नाम सैयद मोईन बताया जा रहा है, का वीडियो भी काफी चर्चा में है। वीडियो में मौलवी के आसपास बड़ी संख्या में मुस्लिम युवक जुटे हुए हैं, जो नारा-ए-तकबीर (अल्लाह-हू-अकबर) और ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगा रहे हैं। मौलवी ने इन नारों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो गई।

इसके अलावा, अन्य वीडियो में देखा जा सकता है कि कई गाड़ियाँ भरी हुई हैं, और हर गाड़ी में 10-10 लोग सवार होकर मुंबई की ओर बढ़ रहे हैं। यह घटना केवल धार्मिक आक्रोश को नहीं बल्कि शहर में शांति और कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती पेश कर रही है। इस तरह के उग्र प्रदर्शनों से समाज में तनाव और असुरक्षा का माहौल पैदा हो रहा है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है।

इससे पहले भी 2022 में भाजपा नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ इसी तरह के नारे लगाए गए थे, और ऐसे नारों ने देशभर में कट्टरता और असहिष्णुता के माहौल को बढ़ावा दिया है।

नितेश राणे और भाजपा की प्रतिक्रिया

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा विधायक नितेश राणे का नाम भी सामने आया, जिनकी ओर से कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं आई। उन्होंने ट्विटर पर हल्के मूड में एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने इस विरोध को नजरअंदाज करते हुए कहा कि वह रोज सुबह नाश्ते में ‘पोहे’ खाते हैं, जो इस प्रदर्शन पर एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी थी। इस ट्वीट ने इस मुद्दे को हल्के में लेने का संकेत दिया।

कानूनी कार्रवाई

इस विरोध के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। महाराष्ट्र के पुणे और मुंबई में ऐसे नारे लगाने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। मुंबई और पुणे दोनों ही जगहों पर यह नारे लगाए गए थे, जिससे सार्वजनिक शांति भंग हो गई और लोगों के मन में डर और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई। लगभग 200 से 300 लोगों पर अवैध सभा करने और भड़काऊ नारे लगाने के आरोप लगाए गए हैं।

AIMIM का कनेक्शन

AIMIM, जो हमेशा से विवादों में घिरी रही है, इस बार भी उकसावे में अहम भूमिका निभाते हुए दिखी। पार्टी नेता वारिस पठान ने इस विरोध का नेतृत्व किया और कट्टरता को बढ़ावा दिया। AIMIM की रणनीति हमेशा से इस तरह के धार्मिक मुद्दों पर अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने की रही है, और इस घटना ने एक बार फिर उनकी इस नीति को उजागर कर दिया है।

क्या कहती है यह घटना?

यह घटना केवल धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक नहीं है, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए कट्टरता को बढ़ावा देने की एक कोशिश भी है। ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारों का इस्तेमाल न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाता है, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए भी एक बड़ा खतरा है। इन नारों ने पहले भी कमलेश तिवारी जैसे नेताओं की हत्या जैसी घटनाओं को जन्म दिया है, और अब यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के रूप में उभर रहा है।

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