Rajasthan: ज्ञानवापी की तरह अजमेर दरगाह में भी शिव मंदिर का दावा, हिंदू सेना ने अदालत में दायर की याचिका

राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में पूर्व में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका पेश की, जिसे न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने यह कहकर सुनवाई से इनकार कर दिया कि यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है, सक्षम न्यायालय में याचिका पेश की जाए। उन्होंने जिला न्यायाधीश के समक्ष याचिका प्रस्तुत करने को कहा।

क्या हैं हिंदू सेना की मांगें

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की दायर की गई याचिका में दावा किया गया कि अजमेर दरगाह भगवान श्री संकटमोचन महादेव विराजमान मंदिर है. अब इसे मंदिर ही घोषित किया जाए. इसके साथ ही साथ ही दरगाह समिति के अनाधिकृत अवैध कब्जे को हटाया जाए. इसका एएसआई सर्वे कराया जाए. जिसके बाद मंदिर में पूजा-पाठ करने की अनुमति भी मांगी गई है. मामले को लेकर दरगाह दीवान प्रतिनिधि नसीरुद्दीन अली ने भी मीडिया से बातचीत करने की बात कही है.

वहां महादेव का मंदिर

हिंदू सेना पक्ष के लोग अजमेर जिला कलेक्टर के दफ्तर पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को दरगाह के संबंध में ज्ञापन सौंपा था. इसमें अजमेर स्थित गरीब नवाज की दरगाह और तारागढ़ के किले का एएसआई सर्वेक्षण कराने की मांग की थी. इस दौरान कहा गया था कि दरगाह परिसर में तारागढ़ के किले का एएसआई सर्वेक्षण होना चाहिए. वहां महादेव शिव का मंदिर है. दावा किया गया था कि मौजूदा समय में उसे जन्नती दरवाजा कहा जाता है.

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